नई दिल्ली। भारतीय बैंक संघ (IBA) ने बैंक कर्मियों की सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) के संयोजकों से कहा कि वह संबंधित राज्यों में व्याप्त कोविड-19 की स्थिति और जरूरतों के मुताबिक बैंक शाखाओं की मानक परिचालन प्रक्रिया (SoP)में सुधार कर सकते हैं। इस संबंध में निर्णय आईबीए की 21 अप्रैल 2021 को हुई विशेष प्रबंधन समिति की बैठक में लिया गया। आईबीए के सीईओ सुनील मेहता ने बैंक प्रमुखों को लिखे एक पत्र में कहा कि हम एसएलबीसी के संयोजकों को अलग से यह सुझाव दे रहे हैं कि वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग से एक बैठक बुलाएं और अपने-अपने राज्यों में बन रही ताजा स्थिति पर विचार-विमर्श करने के बाद बैंकों को परामर्श जारी करें।
इसमें कहा गया है कि यह समझा जाता है कि समूची प्रणाली के लिए स्थानीय स्तर पर दी जाने वाली सलाह अधिक व्यवहारिक और उपयोगी साबित होगी। नौ बैंक यूनियनों के प्रमुख मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) का कहना है कि प्रत्येक बैंक में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में बैंकरों को बीमार होने पर अस्पताल में बिस्तर और ऑक्सीजन आपूर्ति मिलना मुश्किल हो रहा है। यूएफबीयू ने आईबीए को भेजे एक ज्ञापन में कहा है कि जब तक स्थिति में सुधार होता है तब तक सार्वजनिक कामकाज के घंटे कम कर प्रतिदिन तीन घंटे कर दिए जाने चाहिए और सेवाओं पर भी प्रतिबंध होना चाहिए। इससे बैंक कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सकेगा।
संगठन ने कहा है कि हम रोजाना बैंक कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने, उनके अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यू होने के समाचार सुनकर बहुत व्यथित हैं। संगठन ने कहा कि पिछले महीने उसने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर बैंक कम्रचारियों को टीकाकरण की प्राथमिकता वाली सूची में शामिल करने का अनुरोध किया था। संगठन ने मंत्रालय से बैंक कर्मचारियों की अर्थव्यवसथा को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुये उनका प्राथमिकता के साथ नि:शुल्क टीकाकरण की मांग की है।
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