नयी दिल्ली। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव बंसल को एयर इंडिया का चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बनाया गया है। कार्मिक मंत्रालय ने गुरुवार को एक आदेश में इसकी जानकारी दी। बंसल 1988 बैच के नागालैंड काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। नागालैंड कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी बंसल वर्तमान में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं।
आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने बंसल को एयर इंडिया का सीएमडी बनाने को मंजूरी दे दी। उनका पद और वेतनमान अतिरिक्त सचिव के समकक्ष होगा। अश्वनी लोहानी का कार्यकाल पूरा होने के बाद से एयर इंडिया के सीएमडी का पद खाली था।
स्वामित्व बदलने के बावजूद बनी रहेगी एयर इंडिया की पहचान: लोहानी
मुंबई। राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के प्रमुख अश्विनी लोहानी ने कहा है कि स्वामित्व में बदलाव के बाद भी एयरलाइन की अलग पहचान बनी रहेगी। लोहानी ने यहां पांच दिन की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि एयरलाइन अब भी शानदार संगठन है। इस प्रदर्शनी का आयोजन पर्यावरण एवं संस्कृति सोसायटी ने एयर इंडिया के सहयोग से किया। प्रदर्शनी में एयरलाइन की बरसों में बनी व्यापक सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है।
भावुक लोहानी ने एयर इंडिया के मौजूदा निजीकरण की प्रक्रिया की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मैं रेलवे से इसमें आया हूं। इन लोगों ने कंपनी में बरसों काम किया है। प्रदर्शनी देखकर मैं भावुक हो गया। मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि इन लोगों को कैसा लग रहा होगा।’’ भारी घाटे में पहुंच चुकी एयर इंडिया की शुरुआत दिवंगत जे आर डी टाटा ने की थी। लोहानी ने कहा कि एयरलाइन की ऐसी विरासत है जिसकी तुलना नहीं हो सकती। एयरलाइन के स्वामित्व में बदलाव के बाद भी एयरलाइन की यह विरासत कायम रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘संगठन के रूप में एयर इंडिया अब भी काफी मजबूत और शानदार हैं। तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हम दक्षता से परिचालन कर रहे हैं। जब भी देश को जरूरत महसूस हुई एयर इंडिया मौजूद रही। यह सिर्फ एयर इंडिया थी जो चीन के वुहान में कोरोना वायरस के बीच फंसे भारतीयों को वापस लेकर आई।’’ यह पूछे जाने पर कि ऐसे समय जबकि एयर इंडिया के निजीकरण की बात हो रही है, इस तरह की प्रदर्शनी के आयोजन की क्या वजह है। इस पर लोहानी ने कहा, ‘‘इसका प्रदर्शनी से लेना देना नहीं है।
सोसायटी की सचिव मीरा दास ने इस विचार के साथ हमसे संपर्क किया। हमने उनको समर्थन देने का फैसला किया।’’ सरकार ने एयर इंडिया में अपनी शत प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। सरकार भारी घाटे में चल रही एयर इंडिया से बाहर निकलना चाहती है। इसके विनिवेश के लिये सरकार ने रुचि पत्र आमंत्रित किया है।