नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग जल्द ही 10 लाख रुपए से अधिक सालाना आमदनी वाले करदाताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे पैन, रिहायशी पता और मोबाइल नंबर तेल मंत्रालय को उपलब्ध कराएगा। यह कदम सरकार द्वारा उच्च आय वर्ग को एलपीजी सब्सिडी बंद करने के फैसले के तहत उठाया जा रहा है।
दो सरकारी विभागों के बीच आधिकारिक समझौते के तहत टैक्स अधिकारी करदाताओं की जन्मतिथि, लिंग, ई-मेल आईडी, रिहायशी फोन नंबर और सभी उपलब्ध पते उपलब्ध कराएंगे ताकि तेल मंत्रालय ऐसे परिवारों को सब्सिडी पूरी तरह से बंद कर सके, जिनकी सालाना आमदनी 10 लाख रुपए से अधिक है और उन्होंने अभी तक स्वैच्छा से इसे नहीं छोड़ा है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट व्यक्गितगत करदाता जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही तेल मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा। विभाग के शीर्ष निर्णायक संगठन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस कदम को अपनी मंजूरी दे दी है। यह कदम सरकार के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसके तहत उसने कहा था कि दस लाख रुपए से अधिक सालाना आय वाले करदाताओं को सब्सिडीशुदा गैस नहीं मिलेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि,
तेल मंत्रालय को यह डाटा मिलने से 10 लाख रुपए सालाना आय वाले करदाताओं को गैस सब्सिडी मिलना खुद ब खुद बंद हो जाएगी।
- हालांकि कुछ लोगों ने पहले भी स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ दी है।
- लेकिन बहुत से लोग ऐसे है, जिन्होंने अभी तक सब्सिडी नहीं छोड़ी है।
- अब सरकार खुद इस संबंध में जांच करना चाहती है।
- एक उच्च अधिकारी के मुताबिक जल्द ही इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा।
- वर्तमान में प्रति परिवार को 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडर प्रति वर्ष दिए जाते हैं।
- सरकार पहले ही लोगों से सब्सिडी वाली एलपीजी छोड़कर उसके स्थान पर बाजार रेट पर गैस खरीदने की अपील कर चुकी है।