नई दिल्ली। नोटबंदी से पहले के महीनों में बैंकिंग ट्रांजैक्शन का विश्लेषण करने के लिए I-T डिपार्टमेंट ने बैंकों से 1 अप्रैल से 8 नवंबर 2016 के बीच बचत खातों में जमा हुई राशि की जानकारी देने को कहा है। इसके अलावा, बैंकों से उन खाताधारकों से पैन नंबर या फॉर्म 60 भी लेने को कहा गया है, जिन्होंने खाता खुलवाते समय इन्हें जमा नहीं किया था। ऐसे खाताधारकों को 28 फरवरी 2017 तक पैन नंबर या फॉर्म-60 बैंकों को देना होगा, अन्यथा उनका बैंक खाता सीज कर दिया जाएगा।
एक नोटिफिकेशन के अनुसार, सभी बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक और पोस्ट ऑफिस को एक अप्रैल से 8 नवंबर 2016 के दौरान सभी नकदी जमा की जानकारी देनी होगी।
- सरकार ने 8 नवंबर को 500 व 1000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित किया था।
- इसके अलावा बैंक अधिकारियों को खाताधारकों से पैन नंबर या फॉर्म-60 हासिल करने के लिए भी कहा गया है।
- इनकम टैक्स कानून के नियम 114बी के तहत ट्रांजैक्शन के लिए रिकॉर्ड को मेंटेन करने को भी कहा गया है।
- नियम 114बी के तहत विभिन्न ट्रांजैक्शन में पैन का उल्लेख करना अनिवार्य है।
- नोटिफिकेशन में कहा गया है कि खाता खुलवाते समय जिन लोगों ने पैन या फॉर्म 60 जमा नहीं किया है, उन्हें 28 फरवरी तक ऐसा करना अनिवार्य होगा।
- फॉर्म 60 एक घोषणा पत्र होता है, जिसे वह व्यक्ति भरता है जिसके पास पैन नहीं है।
- नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंक और पोस्ट ऑफिस से 10 नवंबर से 30 नवंबर के दौरान बचत खातों में 2.5 लाख रुपए से अधिक और करेंट एकाउंट में 12.50 लाख रुपए से अधिक जमा की जानकारी मांगी थी।
तस्वीरों में देखिए नोटबंदी के बाद कहां-कहां शुरू हुआ डिजिटल लेनदेन
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- इसके अलावा एक दिन में 50,000 रुपए से अधिक जमा की भी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट ने मांगी है।
- ऐसा अनुमान है कि नोटबंदी के बाद बैंकों में 15 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा हो चुके हैं, ऐसे में टैक्स डिपार्टमेंट ने बैंक जमा ट्रेंड का विश्लेषण करने के लिए यह जानकारी मांगी है।