चेन्नई। हुंडई मोटर इंडिया ने अगले 20 सालों में भारत की नंबर वन कार कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कंपनी ने भारतीय बाजार में एक बार फिर अपनी सबसे सफल कार सैंट्रो को वापस लाने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक नई सैंट्रो वर्तमान में साउथ कोरिया में अंडर डेवलपमेंट है और इसे भारत आने में दो साल का समय लगेगा। सूत्रों के मुताबिक हुंडई मैनेजमेंट ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि बाजार से हटे हुए इसे दो साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन ग्राहकों की रुचि अभी भी इस कार में बनी हुई है।
हुंडई डीलर्स का कहना है कि ग्राहक अभी भी सैंट्रो के बारे में पूछताछ करते हैं और यह पूछते हैं कि सैंट्रो का उत्पादन क्यों बंद किया गया। सैंट्रो को बाजार से हटे हुए दो साल बीत जाने और हुंडई व अन्य कंपनियों द्वारा कई एंट्री लेवल के नए मॉडल लॉन्च करने के बावजूद सैंट्रो एक पावरफुल ब्रांड बना हुआ है।
तस्वीरों में जानिए नए Santro से जुड़़े कुछ फैक्ट्स
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हुंडई ने लॉन्च किया क्रेटा का ऑटोमैटिक वर्जन, पेट्रोल इंजन वाली SUV की कीमत 12.87 लाख रुपए
सैंट्रो को भारत में सितंबर 1998 में लॉन्च किया गया था। इसके टॉलबॉय डिजाइन और एमपीएफआई इंजन की वजह से यह भारत में हुंडई के लिए खेल बदलने वाली कार साबित हुई। घरेलू बाजार में इसकी 13.6 लाख यूनिट बेची गईं, जबकि 5.35 लाख यूनिट एक्सपोर्ट की गईं। भारत में अपने 16 साल के जीवनकाल में सैंट्रो की तकरीबन 19 लाख यूनिट घरेलू और निर्यात बाजार में बेची गई। 2014 के अंत में इसका उत्पादन बंद किय गया। वित्त वर्ष 2014-15 के पहले छह माह में 14,595 यूनिट की बिक्री हुई थी।
भारत में सैंट्रो के नाम से लोकप्रिय कार को बाकी दुनिया में हुंडई एटोस प्राइम के नाज से जाना जाता था। कोरियन कंपनी ने एटोस प्राइम को 2007 में अधिकांश बाजारों में आई10 से परिवर्तित कर दिया था। अक्टूबर 2011 में हुंडई इयोन को भारत में लॉन्च किया गया और इसकी कीमत सेंट्रो जिंग के बराबर ही रखी गई। 2014 में ग्रांड आई10 लॉन्च की गई। इन नए मॉडल के बावजूद सेंट्रो की बिक्री चालू रखी गई। अब एक बार पिफर कंपनी ने सैंट्रो को नए अवतार में लॉन्च करने की योजना बनाई है, इससे एक बार फिर हुंडई मजबूत स्थिति हासिल कर मारुति को टक्कर देगी।