हैदराबाद। हैदराबाद उच्च न्यायालय ऋण के बोझ से दबी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लि.की याचिका पर कल सुनवाई कर सकता है। यूनिटेक ने इस याचिका के जरिये तेलंगाना राज्य औद्योगिक संरचना निगम के पास 2008 में 350 एकड़ जमीन के लिए जमा कराए गए 500 करोड़ रुपये के रिफंड की मांग की है। कंपनी ने कहा कि उसने 165 करोड़ रुपये किस्तों में दिए थे। चूंकि यह परियोजना जमीन विवादों की वजह से शुरू नहीं हो पाई है इसलिए उसने मूल और ब्याज सहित उसे 500 करोड़ रुपये की राशि लौटाने की मांग की है।
कंपनी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि एकीकृत एयरपोर्ट टाउनशिप और वैमानिकी पार्क के डिजाइन और निर्माण की बोली में सफलता हासिल करने के बाद यह राशि जमा कराई गई थी। आंध्र प्रदेश औद्योगिक संरचना निगम 2008 में इस बोली प्रक्रिया को लाया था। वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन हो गया ओर उसके बाद तेलंगाना राज्य औद्योगिक संरचना निगम (TSIIC) अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि अब तेलंगाना सरकार तथा सरकारी इकाई TSIIC को यह पैसा ब्याज के साथ लौटाना चाहिए जो 500 करोड़ रुपये बैठता है।
इससे पहले यूनिटेक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस निरंजन रेड्डी ने अदालत को सूचित किया था कि कंपनी को दिए गए भूमि के स्वामित्व को लेकर विवाद है। रेड्डी ने अदालत को बताया था कि उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि राज्य के पास भूमि का स्वामित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तेलंगाना सरकार तथा टीएसआईआईसी को यह पैसा ब्याज के साथ लौटाना चाहिए जो 500 करोड़ रुपये बैठता है।