सिस्को के विजुअल नेटवर्किंग इंडेक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की इंटरनेट ग्रोथ आने वाले सालों में और बढ़ेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आईपी ट्रैफिक 2020 में बढ़कर चार गुना हो जाएगा, इसमें वीडियो की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 2020 में सभी नेटवर्क डिवाइस में से 69 फीसदी मोबाइल-कनेक्टेड होंगे। भारत में 2020 में सभी नेटवर्क डिवाइस में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 37 फीसदी (70.21 करोड़) होगी, जो कि 2015 में 18 फीसदी (23.94 करोड़) थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि औसत मोबाइल कनेक्शन स्पीड भी 2015 से 2020 तक तीन गुना बढ़ जाएगी और 2020 में 3 एमबीपीस पर पहुंच जाएगी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि हायर वीडियो रिजोल्यूशन की मांग, ज्यादा बैंडविथ और प्रोसेसिंग स्पीड से 2020 में इंटरनेट का उपयोग 6 गुना तक बढ़ जाएगा। अन्य ग्रोथ एरिया मशीन टू मशीन कम्यूनिकेशन होगा, जिसके 12 गुना बढ़ने की उम्मीद है, इसमें 63 फीसदी मोबाइल डेटा ट्रैफिक की हिस्सेदारी है। वैश्विक स्तर पर कुल पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट (होम स्पॉट को मिलाकर) 2015 (6.4 करोड़) की तुलना में 2020 में 7 गुना बढ़ (43.2 करोड़) जो जाएंगे। होम स्पॉट भी 5.7 करोड़ (2015) से बढ़कर 42.3 करोड़ (2020) हो जाएंगे। 2020 तक लोगों के पास 26.3 अरब नेटवर्क डिवाइस होंगे और वैश्विक स्तर पर सभी नेटवर्क डिवाइस में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 21 फीसदी (5.6 अरब) होगी जो कि 2015 में 19 फीसदी (3.0 अरब) है।
भारतीय इंटरनेट ट्रैफिक से जुड़े रोचक तथ्य
- 2020 में भारतीय इंटरनेट ट्रैफिक 2005 में कुल इंटरनेट ट्रैफिक के 249 गुना के बराबर होगा।
- आईपी ट्रैफिक सालाना 33 फीसदी ग्रोथ रेट के साथ 2015 से 2020 के दौरान चार गुना बढ़ेगा।
- 2020 में आईपी ट्रैफिक 5.6 एक्जाबाइट प्रति माह पर पहुंच जाएगा, जो कि 2015 में प्रति माह 1.4 एक्जाबाइट है।
- इंटरनेट ट्रैफिक 34 फीसदी सालाना ग्रोथ के साथ 2015 से 2020 तक बढ़कर 4.4 गुना हो जाएगा।
- 63 फीसदी सालाना ग्रोथ के साथ मोबाइल डेटा ट्रैफिक 2015 की तुलना में 2020 में 12 गुना बढ़ जाएगा।
- 2015 में कुल आईपी ट्रैफिक में मोबाइल की हिस्सेदारी 11 फीसदी है, जो 2020 में बढ़कर 31 फीसदी हो जाएगी।
- 40 फीसदी सीएजीआर के साथ आईपी वीडियो ट्रैफिक 2015 की तुलना में 2020 में 5 गुना बढ़ जाएगा।