नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए इस साल 1800 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। वित्त वर्ष 2017-18 में पेटीएम मॉल का घटा इस बुलट ट्रेन के बजट से थोड़ा अधिक है। पेटीएम मॉल का यह पहला पूर्ण ऑपरेशन वर्ष है, इस दौरान उसे कुल 1805.6 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है।
कोटक रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम ने वित्त वर्ष 2016-17 में अपनी अलग से एक ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम मॉल की शुरुआत की थी, जिसे वित्त वर्ष 2017-18 में 1800 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में घाटा अभी बरकरार रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन का ही घाटा अधिक नहीं होगा बल्कि पेटीएम एक नया प्रतिद्वंदी बनकर उभर रहा है, जिसे अपने ऑपरेशन के पहले साल में ही 1800 करोड़ रुपए का भारी नुकसान झेलना पड़ा है। आंकड़ों के अनुसार पेटीएम मॉल का राजस्व वित्त वर्ष 2017-18 में 744 करोड़ रुपए था।
नुकसान के बावजूद वॉलमार्ट और अमेजन दोनों ही अपनी भारतीय इकाइयों में निवेश जारी रखने पर अड़ी हुई हैं, वहीं अलीबाबा भी पेटीएम में निवेश जारी रखे हुए है। वित्त वर्ष 2016 से 2018 के बीच पेटीएम मॉल का संयुक्त घाटा 1971.04 करोड़ रुपए है। इस दौरान पेटीएम मॉल ने कुल 4,508.23 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। भारत में तेजी से विकसित होते ऑनलाइन रिटेल मार्केट में अमेजन और फ्लिपकार्ट के बाद पेटीएम मॉल तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।इस साल अप्रैल में पेटीएम मॉल ने सॉफ्टबैंक इनवेस्टमेंट होल्डिंगस और अलीबाबा डॉट कॉम से 2900 करोड़ रुपए जुटाए थे।