नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली को उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक बजट सत्र के 20 अप्रैल से शुरू होने वाले दूसरे भाग में पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता बिल भी पास होने की उम्मीद है। जीएसटी विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। लेकिन यह राज्यसभा में अटका हुआ है। जेटली ने कहा, सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। राज्यसभा में पारित होने के बाद इस विधेयक को 29 में से आधे राज्यों के अनुमति की जरूरत होगी। इसके बाद एक अक्टूबर से जीएसटी लागू किया जा सकता है।
मौजूदा सत्र में दो ऐतिहासिक विधेयक पारित
जेटली ने रविवार को एडवांसिंग एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, संसद के मौजूदा सत्र में दो पहले एक ऐतिहासिक विधेयक पारित हो गया है। मुझे उम्मीद है कि अन्य दो विधेयक बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पारित हो जाएंगे। संसद ने पिछले सप्ताह आधार विधेयक को पारित किया है। इससे सरकारी सब्सिडी और लाभ के स्थानांतरण के लिए विशिष्ट पहचान संख्या को सांविधिक समर्थन मिल गया है। इसके अलावा राज्यसभा में रियल एस्टेट विधेयक भी पारित हुआ है। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि जीएसटी और दिवाला विधेयक के पारित होने से हमारी सुधारों की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलेगा। विशेष रूप से कमजोर वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए यह जरूरी है।
कांग्रेस के अलावा सभी दलों का समर्थन प्राप्त
अरुण जेटली ने कहा कि भारत सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़कर दुनिया को उल्लेखनीय वृद्धि प्रदान कर सकता है। जेटली ने कहा कि भारत की अपनी समस्याएं हैं। देश में चुनौतियों से निपटने और सुधारों को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा वृद्धि का मॉडल गरीबी उन्मूलन की चिंता से जुड़ा है। जीएसटी को कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के अलावा राज्यसभा में सभी दलों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 67 और अन्नाद्रमुक के सदस्यों की संख्या 12 है। कांग्रेस ने मूल रूप से इस कर सुधार को आगे बढ़ाया था। वह इससे खामियों वाला संस्करण का विरोध कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि जीएसटी दर की सीमा 18 फीसदी निश्चित की जाए, प्रस्तावित राज्य शुल्क समाप्त किया जाए।