नई दिल्ली। 1991 में भारत के उदारीकरण के बाद, शेयर बाजार ने कई उतार-चढ़ाव के दौर देखे हैं। शेयर बाजार में कई बड़ी गिरावट हर्षद मेहता और केतन पारेख द्वारा किए गए घोटालों की वजह से आई तो कुछ वैश्विक कारणों की वजह से। कुछ बड़ी गिरावट सर्कुलर ट्रेडिंग, कीमतों में हेराफेरी और निवेशकों द्वारा बनाए गए कृत्रिम बुलबुले के फूटने की वजह से आईं।
28 अप्रैल 1992 : हर्षद मेहता घोटाला सामने आने के बाद बीएसई में 12.77 प्रतिशत की गिरावट आई। यह प्रतिशत में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट थी।
18 मई 2006: बीएसई सेंसेक्स 826 अंक गिरकर 11,391 पर पहुंचा।
2 अप्रैल 2007: सेंसेक्स 617 अंक गिरकर 12,455 पर पहुंचा।
1 अगस्त 2007: लगातार गिरावट के बाद सेंसेक्स 14,936 पर बंद हुआ, निफ्टी 183 अंक गिरकर 4346 पर बंद हुआ।
18 अक्टूबर 2007: 1428 अंक गिरकर सेंसेक्स 17,771 पर पहुंच गया। निफ्टी 208 अंक गिरकर 5,351 अंक पर बंद हुआ।
21 नवंबर 2007: सेंसेक्स 766 अंक गिरका 18,515 पर बंद हुआ।
17 दिसंबर 2007: बीएसई सेंसेक्स 769 अंक गिरककर 19,261 पर बंद हुआ।
21 जनवरी 2008: बीएसई 1408 अंक गिरकर 17,605 पर आ गया। निवेशक संपत्ति में सबसे बड़ी गिरावट आई।
22 जनवरी 2008: सेंसेक्स दोबारा 875 अंक गिरकर 16,729 अंक पर पहुंच गया।
11 फरवरी 2008: सेंसेक्स 834 अंक गिरकर 16,630 पर पहुंच गया।
3 मार्च 2008: सेंसेक्स 900 अंक की गिरावट के बाद 16,677 पर बंद हुआ।
17 मार्च 2008: बीएसई सेंसेक्स 951 अंक की गिरावट के साथ 14,809 पर पहुंचा।
24 अक्टूबर 2008: एक दिन में सेंसेक्स 1070 अंक की गिरावट के बाद 8701 के स्तर पर पहुंचा।
6 जुलाई 2009: सेंसेक्स 869 अंक गिरकर 14,043 अंक पर बंद हुआ।
6 जनवरी 2015: सेंसेक्स 854 अंक गिरकर 26,987 अंक पर बंद हुआ।
24 अगस्त 2015: बीएसई सेंसेक्स 1624 अंक और एनएसई निफ्टी 490 अंक टूटा।
9 नवंबर 2016: सेंसेक्स 1689 अंक गिरा।
2 और 5 फरवरी 2018: वित्त मंत्री द्वारा इक्विटी शेयर पर 10 प्रतिशत एलटीसीजी टैक्स लगाने की घोषणा के बाद सेंसेक्स दो दिन में 600 अंक और निफ्टी 400 अंक टूट गया।
1 फरवरी 2020: संसद में बजट पेश होने के साथ निफ्टी 373 अंक और सेंसेक्स 987 अंक टूटा।
28 फरवरी 2020: कोरोनावायरस के बढ़ती चिंता के बाद सेंसेक्स 1448 अंक और निफ्टी 432 अंक टूटा। पूरे हफ्ते बीएसई और एनएसई में गिरावट रही। 2009 के बाद यह सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट रही।
4 और 6 मार्च 2020: शेयर बाजार लगभग 1000 अंक टूट गया और लाखों करोड़ रुपए की निवेशक संपत्ति स्वाह हो गई।
9 मार्च 2020: सेंसेक्स 1941.67 अंक की भारी गिरावट के बोझ से दब गया।
12 मार्च 2020: कोरोनावायरस को डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी घोषित करने के बाद सेंसेक्स 2919.26 अंक या 8.18 प्रतिशत टूट गया।
13 मार्च 2020: बाजार खुलते ही पहले 15 मिनट में 3000 अंक टूटा, 45 मिनट के लिए कारोबार रोका गया।