लंदन। एनआरआई बिजनेसमैन हिंदुजा बंधु ने एक बार फिर ब्रिटेन में सबसे अमीर एशियाई बनने का गौरव प्राप्त किया है। 2016 में हिंदुजा बंधुओं को पीछे छोड़ते हुए मुंबई में जन्में रूबेन भाईयों ने उन्हें पीछे छोड़ दिया था लेकिन अब 2017 में दोबारा हिंदुजा बंधुओं ने यह तमगा अपने नाम कर लिया है। उनके पास पिछले साल अनुमानत: 19 अरब पौंड की संपत्ति थी, जिसमें एक साल पहले के मुकाबले 2.5 अरब पौंड की वृद्धि हुई है।
ईस्टर्न आई एशियन रिच लिस्ट की ब्रिटेन के 101 सबसे अमीर एशियाई-2017 की सूची शुक्रवार रात जारी की गई। इसमें हिंदुजा के बाद दूसरा स्थान स्टील कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल का रहा। उनकी कुल संपत्ति 12.6 अरब पौंड आंकी गई, जो पिछले साल 6.4 अरब पौंड थी।
इस सूची के अनुसार लंदन में श्रीचंद एवं गोपी, जिनेवा में प्रकाश और मुंबई में अशोक हिंदुजा बंधुओं की अशोक लीलैंड, इंडसइंड बैंक, गल्फ ऑयल, ऊर्जा एवं रीयल एस्टेट इत्यादि कंपनियों के लाभ में जबरदस्त तेजी देखी गई है।
- सूची के अनुसार उनकी इस स्थिति से परिवार द्वारा कारोबार में विविधता की लंबे समय से अपनाई जा रही नीति को ही उचित ठहराया है।
- लंदन के मेयर सादिक खान ने 20वें वार्षिक एशियाई बिजनेस अवार्ड्स में धनी लोगों की सूची की पहली प्रति हिंदुजा समूह के सह-अध्यक्ष जीपी हिंदुजा को भेंट की।
- ब्रिटेन के 101 अमीर एशियाई लोगों की कुल संपत्ति 69.9 अरब पौंड आंकी गई है, जो पिछले साल की 55.4 अरब पौंड के मुकाबले 25 प्रतिशत अधिक है।
- इस सूची में इंडोरामा कॉरपोरेशंस पेट्रोकेमिकल्स के चेयरमैन प्रकाश लोहिया का स्थान तीसरा है। उनकी संपत्ति 4 अरब पौंड आंकी गई।
- वेदांता समूह के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल और अरोरा बंधु साइमॉन, बॉबी और रॉबिन सूची में चौथे स्थान पर हैं।
- प्रवासी भारतीय लॉर्ड स्वराज पॉल इस सूची में 14वें स्थान पर हैं। उनकी अनुमानित संपत्ति 80 करोड़ पौंड रही, जो कि पिछले साल तक 30 करोड़ पौंड पर थी।
पाकिस्तान से आए मुंबई
- हिंदुजा भाइयों के पिता परमानंद 1914 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शिकारपुर से मुंबई आकर रहने लगे थे। शुरुआत में ये दोनों भाई कारपेट, सूखा मेवा और केसर का ईरान से आयात करते थे। साथ ही पश्चिमी देशों में भारत के कपड़े, चाय और अन्य मसालों का निर्यात किया करते थे। उन्होंने ही हिंदुजा ग्रुप की नींव रखी।
ईरान छोड़कर पहुंचे लंदन
- 1979 में जब ईरान इस्लामिक क्रांति की चपेट में आया तो हिंदुजा भाइयों ने ईरान से कारोबार समेटकर लंदन जाना उचित समझा। शुरुआत में दोनों भाई बैंक और कारोबार का काम देखते थे, लेकिन बाद में मध्यपूर्व में कारोबार फैलाना शुरू किया। 1984 में गल्फ ऑयल और 1987 में अशोक लेलैंड खरीदकर भारत में पहला NRI निवेश किया।
कुल चार भाई हैं हिंदुजा
- हिंदुजा ब्रदर्स कुल 4 भाई हैं। इनमें से श्रीचंद और गोपीचंद लंदन के मेफेयर में रहते हैं। तीसरे भाई प्रकाश जिनेवा में रहते हैं, जबकि चौथे और सबसे छोटे अशोक (अशोक लेलैंड के प्रमुख) मुंबई में रहते हैं। बताया जाता है कि हर देश में इस परिवार का एक घर है। इन घरों में संयुक्त रसोई है और सब एक साथ खाते हैं।
आर्थिक प्रतिबंध के समय देश की थी बड़ी मदद
- 1998 में वाजपेयी सरकार ने पोकरण में जब परमाणु परीक्षण किया था, तब पूरी दुनिया ने भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए थे।
- इसके बाद वाजपेयी सरकार ने हिंदुजा बंधुओं के माध्यम से ही ब्रिटिश सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा था।
- प्रधानमंत्री अटलजी के प्रमुख सचिव और संकटमोचक माने जाने वाले बृजेश मिश्र 4 जून 1998 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर से मिलने 10 डाउनिंग स्ट्रीट गए थे।
- यह मुलाकात भी जीपी हिंदुजा ने ही कराई थी। इतना ही नहीं, वे स्वत: अपने बड़े भाई श्रीचंद के साथ उसमें उपस्थित थे।
- ब्लेयरजब भी जीपी को कोई पत्र लिखते थे, तो संबोधन ‘जीपी’ होता था और अंत में लिखा होता था- योर्स एवर, टोनी।
- ब्लेयर दंपती हिंदुजा परिवार के दीपावली आयोजन में भी शामिल होते रहे।
- हिंदुजा परिवार के ब्रिटेन की किसी भी सरकार और अफसरशाही से हमेशा बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं। परिवार लंबे समय से ब्रिटेन में ही रह रहा है।