नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में अब बेरोजगार अपने ही खेतों में काम कर मनरेगा के फायदे उठा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने अपने खेतों में काम को मनरेगा के तहत लाने की स्वीकृति दे दी है। प्रदेश सरकार के मुताबिक इससे प्रदेश के किसानों और बेरोजगारों को दोहरा फायदा मिलेगा। पहले वो अपने खेतों में काम के बदले जरूरी आय पा सकेंगे वहीं भविष्य में मनरेगा के तहत किया गया ये काम उनकी कृषि आय बढ़ाने में मदद करेगा। इस बात का ऐलान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में किया। ये बैठक शनिवार को हुई थी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार ने 260 लाख कार्यदिवस का सृजन कर कुल 859 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक मनरेगा के अंतर्गत 22 लाख कार्य दिवस सृजित कर 54 करोड़ रुपये बांटे गए हैं। मुख्यमंत्री के मुताबिक मनरेगा के तहत कामों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए एक गुणवत्ता नियंत्रण सेल स्थापित किया है। वहीं प्रदेश के 6 जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन में लोकपाल की नियुक्ति भी की गई है।