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राजमार्गों पर शराब प्रतिबंध को लेकर कानूनी विकल्प तलाश रहा है एफएचआरएआई, दांव पर 10 लाख नौकरियां

उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के आसपास शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के मद्देनजर एफएचआरएआई कानूनी विकल्प तलाश रहा है।

Dharmender Chaudhary
Published : April 11, 2017 21:30 IST
राजमार्गों पर शराब प्रतिबंध को लेकर कानूनी विकल्प तलाश रहा है एफएचआरएआई, दांव पर 10 लाख नौकरियां
राजमार्गों पर शराब प्रतिबंध को लेकर कानूनी विकल्प तलाश रहा है एफएचआरएआई, दांव पर 10 लाख नौकरियां

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के आसपास शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के मद्देनजर फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) कानूनी विकल्प तलाश रहा है। एफएचआरएआई ने कहा कि इस प्रतिबंध से एक लाख से अधिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। करीब दस लाख नौकरियां दांव पर हैं। वहीं इससे सरकारी खजाने को भी दो लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।

एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष दिलीप सी दतवानी ने बयान में कहा कि सरकारी खजाने को दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान और एक लाख प्रतिष्ठानों का बंद होना कोई छोटी बात नहीं है।

एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष टी एस वालिया ने शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के ईद-गिर्द निश्चित दूरी में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है जबकि ऐसा करते समय शहरों के मामले में व्यावहारिक पहलू को नहीं देखा गया है।

उन्होंने कहा कि इससे होटल और रेस्तरां प्रभावित होंगे जिन्होंने देश के पर्यटन उद्योग के विकास में करोड़ों रुपए का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध से कोई लक्षित उद्देश्य हासिल नहीं होगा। यदि इससे कोई नतीजे मिलते तो हम अपने नुकसान को नहीं देखते, लेकिन वास्तविकता यह है कि इससे सिर्फ नौकरियों और दूसरे नुकसान ही होंगे। इसे जिस मंशा से किया गया है वह हासिल नहीं हो पाएगा।

दतवानी ने कहा कि भावना की दृष्टि से देखा जाए तो यह फैसला अच्छा है लेकिन इसमें अन्य संबंधित मुद्दों को नहीं देखा गया है।

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