नई दिल्ली। भारत के हाईवे टोल कलेक्शन में इस साल अप्रैल-मई सीजन में नरमी के बाद फिर से उछाल आने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड की दूसरी लहर में नियंत्रण के साथ टोल कलेक्शन के बेहतर होने की उम्मीद बन गयी है। रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रैल और मई 2021 में, दूसरी कोविड लहर के दौरान क्षेत्रीय लॉकडाउन के कारण पिछली तिमाही की तुलना में औसत टोल राजस्व में 10 प्रतिशत और 34 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, जून 2021 में टोल कलेक्शन में बढ़त देखी गई, जो जून 2021 के अंतिम सप्ताह में कलेक्शन पिछली तिमाही के स्तर के 90 प्रतिशत तक पहुंच गई।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कई हिस्सों में अप्रैल-जून 2021 के दौरान पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन के लागू होने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है, जिससे टोल कलेक्शन प्रभावित हुआ है। "10 राज्यों में फैली 36 टोल परियोजनाओं पर इंडिया-रिसर्च की रिसर्च से पता चलता है कि साप्ताहिक आधार पर औसत रोजाना टोल कलेक्शन मई 2021 के तीसरे सप्ताह में 38 प्रतिशत के शिखर पर पहुंच गया, जो अप्रैल के पिछले सप्ताह में 17 प्रतिशत की गिरावट के बाद था।"
इंडिया-रिसर्च को कोविड के मामलों में गिरावट के साथ लॉकडाउन उपायों में धीरे-धीरे छूट की उम्मीद है। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021 में एक मजबूत ट्रैफिक रिकवरी देखी गई, जिससे कोविड-19 लॉकडाउन के सबसे सख्त अवधि के दौरान ट्रैफिक के नुकसान के असर को कम करने में मदद मिली । रिपोर्ट के मुताबिक निजी परिवहन में तेजी से टोल राजस्व को स्थिरता मिली वहीं कमर्शियल यातायात में एक तेज सुधार देखा गया, जो आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही में तेजी के अनुरूप था, जबकि कोविड-19 प्रसार की वजह से सार्वजनिक परिवहन (बसों) में रिकवरी पर असर पड़ा ।
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