नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की चालू वित्त वर्ष के लिए चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती।
- रेपो दर 5.15 प्रतिशत पर आई, इसी के अनुरूप रिवर्स रेपो दर भी घटकर 4.90 प्रतिशत रह गई।
- नीतिगत दर में वर्ष 2019 में यह लगातार पांचवी कटौती।
- चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया।
- आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने के मद्देनजर मौद्रिक नीति में समायोजन बिठाने वाला नरम रुख बरकरार।
- अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार के प्रोत्साहन उपायों से निजी क्षेत्र में खपत और निजी निवेश बढ़ाने में मिलेगी मदद।
- लगातार आर्थिक सुस्ती से आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के प्रयास तेज करने की जरूरत।
- दूसरी तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान संशोधित कर 3.4 प्रतिशत किया।
- दूसरी छमाही का खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान 3.5 से 3.7 प्रतिशत पर बरकरार।
- रिजर्व बैंक ने माना कि नीतिगत दरों में कटौती का लाभ आगे पहुंचाने का काम आधा-अधूरा ही हुआ।
- विदेशी मुद्रा भंडार एक अक्टूबर तक 434.6 अरब डॉलर रहा, 31 मार्च 2019 के मुकाबले इसमें 21.7 अरब डॉलर की वृद्धि।
- मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्य दरों में कटौती को लेकर सहमत।
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन से पांच दिसंबर 2019 को होनी तय।