नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि सेंट्रल बैंक ने रिवर्स रेपो को बढ़ा दिया है। जानिए की मौद्रिक नीति मुख्य बातें:
- नीतिगत दर रेपो 6.25 प्रतिशत पर बरकरार, रिवर्स रेपो दर बढ़कर 6.0 प्रतिशत।
- नोटबंदी के बाद बैंकों में नकदी बढ़ने के कारण रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो के बीच का फासला कम किया।
- सकल मूल्य वद्रधन आधारित आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल 6.7 प्रतिशत थी।
- सीमांत स्थाई सुविधा की दर और बैंक दर को 6.75 प्रतिशत से घटाकर 6.50 प्रतिशत किया गया।
- वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- आर्थिक संकेतक वृहत आर्थिक परिदृश्य में सुधार बताते हैं।
- मुद्रास्फीति के रूख को लेकर जोखिम दोनों तरफ से बराबर-बराबर। मानूसन को लेकर अनिश्चितता से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है।
- जीएसटी, खराब मानसून, वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम।
- मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के पक्ष में मतदान किया।
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक पांच और छह जून को।