नई दिल्ली: एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई जैसे बड़े बैंकों के लिए चेतावनी जारी की गई है। टेलिकॉम रेग्यूलेटरी ने शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े बैंकों सहित 40 "डिफॉल्टर" प्रमुख संस्थाओं की एक सूची जारी की है जो बार-बार याद दिलाने के बावजूद बल्क एसएमएस को लेकर लागू किए गए नियमों पूरा नही कर रहे है।
इस मुद्दे पर अपने रुख को सख्त करते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने चेतावनी दी कि डिफॉल्टर संस्थाओं को 31 मार्च तक ग्राहकों के साथ संचार में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए निर्धारित आवश्यकताओं का पालन करना करे। ट्राई ने कहा कि नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं करने पर स्क्रबिंग प्रक्रिया को खारिज कर दिया जाएगा।'
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित कमर्शियल एसएमएस के लिए ट्राई के मानदंड अवांछित और धोखाधड़ी वाले संदेशों पर अंकुश लगाना है। प्रमुख बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक आदि प्रमुख संस्थाएं अनिवार्य पैरामीटर्स जैसे सामग्री टेम्पलेट आईडी, पीई आईडी आदि को प्रेषित नहीं कर रहे हैं।
सेबी ने इकाइयों को ट्राई के नियम का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी
इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी मंगलवार को ग्राहकों को सेवाएं देने के लिये थोक में एसएमएस (शार्ट मेसेज सर्विस) भेजने वाले बाजार अवसंरचाना संस्थानों समेत सभी इकाइयों को दूरसंचार नियामक ट्राई के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। ट्राई के इस कदम का मकसद अवांछित और भ्रामक वाणिज्यिक संदेशों की समस्या पर लगाम लगाना है। सेबी ने प्रेस विज्ञप्ति में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक तरजीही नियमन, 2018 का जिक्र करते हुए कहा कि प्रावधानों के अनुपालन नहीं होने से निवेशकों को संदेशों की डिलिवरी में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
बाजार नियामक ने कहा, ‘‘इस नये नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन से निवेशकों और आम लोगों को अवांछित और गुमराह करने वाले संदेशों से उनके के हितों की रक्षा में मदद मिलेगी।’’ सेबी ने कहा कि शेयरों में निवेश के बारे में सलाह देने वाले अवांछित संदेश बड़ी संख्या में भेजे जा रहे हैं। इसके जरिये निवेशकों और आम लोगों को कुछ खास सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश या उनके शेयर खरीदने के लिये प्रेरित किया जाता है। नियामक ने कहा कि इस प्रकार के गुमराह करने वाले संदेशों से न केवल निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंचता है बल्कि प्रतिभूति बाजार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। दूरसंचार नियाममक ने जुलाई 2018 में नियमन को अधिसूचित किया है जिसका मकसद अवांछित संदेशों पर लगाम लगाना है। नये नियमन के तहत जो इकाइयां थोक एसएमएस भेजना चाहती हैं,उन्हें दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के पास पंजीकरण कराना होगा।