नई दिल्ली। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को 31 मार्च को समाप्त पिछले वित्त वर्ष की तिमाही में एकल आधार पर 4,799.30 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड शुद्ध मुनाफा हुआ है। यह वित्त वर्ष 2016-17 की अंतिम तिमाही की तुलना में 20.30 प्रतिशत अधिक है। बैंक द्वारा जारी बयान में बताया कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी कुल एकल आय 21,560.70 करोड़ रुपए से बढ़कर 25,549.70 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। बैंक ने बांबे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को बताया कि उसके निदेशक मंडल ने बेमियादी ऋणपत्रों के जरिये अगले 12 महीने में 50 हजार करोड़ रुपए तक की पूंजी जुटाने को मंजूरी दी है।
HDFC Bank ने कहा है कि कर के लिए 2,495.30 करोड़ रुपए का प्रावधान करने के बाद बैंक को 4,799.30 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है जो 31 मार्च को समाप्त तिमाही की तुलना में 20.30 प्रतिशत अधिक है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान HDFC Bank का समेकित शुद्ध मुनाफा 21.40 प्रतिशत बढ़कर 18,510 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। समेकित आधार पर उसके द्वारा प्रदत्त बकाया कर्ज 19.6 प्रतिशत बढ़ कर 31 मार्च, 2018 को 7,00,034 करोड़ रुपए के बराबर था। मार्च 2017 के अंत में यह आंकडा 5,85,481 करोड़ रुपए था।
बैंक ने कहा कि इस दौरान उसकी संपत्ति की गुणवत्ता पर मामूली असर हुआ है। दिसंबर 2017 को समाप्त तिमाही में उसकी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) 1.29 प्रतिशत थी जो 31 मार्च 2018 को समाप्त तिमाही में 1.30 प्रतिशत हो गयी। मार्च 2017 की तिमाही में यह 1.05 प्रतिशत रही थी। मार्च 2018 के अंत में शुद्ध एनपीए 0.4 प्रतिशत थी।
बैंक के निदेशक मंडल ने आलोच्य तिमाही के लिए दो रुपए अंकित मूल्य के प्रति शेयर पर 13 रुपए का लाभांश देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।