बेंगलुरू। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग को अमेरिकी वीजा मुद्दों से जूझते हुए ही आगे बढ़ना होगा। उन्हें इस तरह की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए स्थानीय और वैश्विक प्रतिभाओं को जोड़ते हुए मिली जुली व्यवस्था को अपनाना होगा।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का ने कहा, मेरा मानना है कि पिछले 15 साल में हमारे उद्योग में वीजा की भूमिका काफी मजबूत हुई है। ब हमें वीजा से जुड़े मुद्दों से हटकर मूल्यों पर आधारित सेवा डिलीवरी पर ध्यान देना चाहिए। सिक्का ने कहा कि उद्योग आईटी को ग्राहकों को मूल्यों की आपूर्ति पर ध्यान देना होगा और इसे उन्हें नियमों के अनुपालन के साथ पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा, इसके निश्चित रूप से यही मायने हैं कि हमें सर्वश्रेष्ठ स्थानीय और वैश्विक प्रतिभाओं की मिली जुली व्यवस्था को अपनाना होगा और इन बाधाओं को पार करने के लिए हम प्रौद्योगिकी लेकर आए हैं। सिक्का ने कहा कि वीजा स्थिति कुछ ऐसा मुद्दा है जिसका समूचे उद्योग पर असर पड़ेगा और हमें इनसे जूझते हुए ही आगे बढ़ना होगा।
शेयरधारकों में 13,000 करोड़ रुपए बांटने की योजना
इंफोसिस ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में वह अपने शेयरधारकों के बीच लाभांश या शेयर पुनर्खरीद के माध्यम से 13,000 करोड़ रुपए तक का भुगतान करेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा, कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान शेयरधारकों के बीच 13,000 करोड़ रुपए दो अरब डॉलर तक की भुगतान राशि की पहचान की है।