नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार ने देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए छोटे-बड़े 7,000 से अधिक कदम उठाए हैं। सीतारमण ने कहा कि उनका मंत्रालय कारोबार के माहौल में और सुधार के लिए सभी राज्यों के साथ काम कर रहा है।
यह भी पढ़ें : FCI के महाराष्ट्र स्थित गोदामों में देश का 90 फीसदी से ज्यादा खाद्यान्न हो रहा है खराब
सीतारमण ने कहा कि ईज ऑफ डूंइंग बिजेस के लिए बड़े, छोटे, मझोले और सूक्ष्म कुल मिलाकर 7,000 उपाय किए गए हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि राज्यों को अब समझ आ गया है कि कारोबार सुगमता एक प्रमुख एजेंडा है। उन्हें इस मार्ग पर चलने का लाभ दिखने लगा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जो कदम उठाए गए हैं उनमें आवेदनों को मंजूर करने की समय-सीमा तय करना, कई रक्षा उत्पादों के विनिर्माण के लिए लाइसेंस समाप्त करना, सिंगल विंडोमंजूरी के लिए ई-कारोबार परियोजना, आयात और निर्यात के लिए दस्तावेजों की जरूरत को कम करना और एकीकृत फॉर्म के जरिए सभी रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने की अनिवार्यता शामिल है।
यह भी पढ़ें : कंज्यूमर ड्यूरेबल्स विनिर्माताओं को अंदेशा, GST के कारण जुलाई-अगस्त में गिर सकती है बिक्री
विश्व बैंक की 2017 की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत का स्थान 190 अर्थव्यवस्थाओं में पिछले साल के स्तर 130 पर ही कायम रखा है। पिछले साल की रैंकिंग को हालांकि संशोधित कर 131 कर दिया गया है, जिससे इस सूची में भारत का स्थान एक पायदान सुधरा है। भारत ने इतनी निचली रैंकिंग पर निराशा जताते हुए कहा है कि केंद्र और राज्यों द्वारा किए गए प्रयासों और सुधारों को यह सूची तैयार करते समय उचित तरीके से शामिल नहीं किया गया है।