नई दिल्ली| हरियाणा सरकार इस साल पिछले साल के मुकाबले 10 दिन पहले गेहूं की खरीद शुरू करने जा रही है। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने की घोषणा की, ताकि किसानों को जल्दी फसल का स्टॉक न करना पड़े। गेहूं की खरीद पिछले साल 10 अप्रैल को शुरू हुई थी।
गेहूं की खरीद के लिए लगभग 400 छोटे और बड़े खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, किसानों की जरूरतों के अनुसार मंडियों की स्थापना की जाएगी। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जहां छह फसलें - गेहूं, सरसों, दालें, चना, सूरजमुखी और जौ - न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाती हैं।
पहली बार, एमएसपी पर जौ की फसल की खरीद की जाएगी और इसके लिए सात 'मंडियों' की स्थापना की गई है। चौटाला ने कहा कि अगर पंजाब, राजस्थान और अन्य पड़ोसी राज्य हरियाणा में फसल खरीद के मॉडल को अपनाना चाहते हैं, तो राज्य उनकी सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के कम से कम 7.25 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। साथ ही, पड़ोसी राज्यों के 1.03 लाख किसानों ने भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।
फिलहाल एमएसपी को लेकर देश की राजधानी की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। गेहूं खरीद में तेजी लाकर सरकार ये संदेश देना चाहती है कि नए कृषि कानूनों को लागू करने के बाद किसानों के लिए स्थितियां पहले से काफी बेहतर हुई हैं। किसान कृषि कानून को वापस लेने पर एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।