चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने रबी सत्र 2021-22 के दौरान राज्य की 396 मंडियों या खरीद केंद्रों से एक अप्रैल से 15 मई तक करीब 85 लाख टन गेहूं की खरीद की है। एक सरकारी बयान में सोमवार को यहां कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए 1,975 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल की खरीद की गई है। हरियाणा सरकार ने एक अप्रैल से 15 मई तक कुल 84,93,145 लाख टन गेहूं की खरीद की है।
राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने 25,67,599 लाख टन गेहूं, हैफेड ने 36,22,157 लाख टन, भारतीय खाद्य निगम ने 6,94,294 लाख टन और हरियाणा भंडारण निगम ने 16,09,095 लाख टन गेहूं की खरीद की है। राज्य की खरीद एजेंसियों - खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा खरीदे गए गेहूं में से खरीदी गई फसल का कुल एमएसपी लगभग 15,402.73 करोड़ रुपये था, जिसमें से 15,385.09 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया है।
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, मजदूरों और आढ़तियों या कमीशन एजेंटों को 319.11 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अज्ञात बैंक खातों व अन्य कारणों से 17.64 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। जिन किसानों का भुगतान लंबित है, उनसे अनुरोध किया गया है कि वे अपने बैंक खाते की पासबुक की फोटोकॉपी संबंधित अधिकारियों के पास जमा कराएं ताकि उनका भुगतान जल्द से जल्द किया जा सके।
इस बीच, बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सरसों के लिए 4,650 रुपये प्रति क्विंटल, चना के लिए 5,100 रुपये प्रति क्विंटल और जौ के लिए 1,600 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य तय किया है। बयान के अनुसार, केंद्र द्वारा निर्धारित 5,885 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 26 जून 2021 तक हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा 1,770 किसानों से लगभग 2,948.05 टन सूरजमुखी की खरीद की जा चुकी है।