नयी दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से राहत के लिए करों में कटौती की विपक्ष दलों द्वारा मांग के बीच तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि इस कर की मदद से महामारी के दौरान लाखों लोगों को मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन दी गई, मुफ्त भोजन और रसोई गैस का इंतजाम किया गया तथा कई अन्य सरकारी योजनाओं के वित्त पोषण किया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के उपकर को कम करने की मांग अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी है। मंत्री ने कहा कि घरेलू दरें अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों से जुड़ी हुई हैं, जो कई कारणों से बढ़ी है, जिसे समझने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह सरल राजनीतिक कथानक हमें भारत में ही मिलता है कि ‘कीमतें बढ़ गई हैं, आप अपने कर कम क्यों नहीं करते’इसलिए जब भी किसी अन्य वजह से कीमतें बढ़ती हैं, कहा जाता है कि इस प्रक्रिया में आप अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लीजिए।’’ उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने के लिए करों में कटौती करेगी, जो पेट्रोल की कीमत का 54 प्रतिशत और डीजल की कीमत का 48 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण, निशुल्क खाद्यान्न, उज्ज्वला योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं का वित्त पोषण पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्र द्वारा लगाए गए 32 रुपये प्रति लीटर के उत्पाद शुल्क से किया गया।