नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया कि इस दिवाली और साल के अंत तक भारत में विमान यात्रियों की संख्या के मामले में कोरोना से पहले जैसी स्थिति देखने को मिलेगी। एक दिन में 3,00,000 यात्री यात्रा करने लगेंगे। उच्च सदन में विमान (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान पुरी ने इस बारे में बात की, जिसे लोकसभा ने पिछले सत्र में मंजूरी दे दी थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने एयर इंडिया के महत्व पर प्रकाश डाला, वहीं कांग्रेस के के.सी. वेणुगोपाल ने हवाईअड्डों की नीलामी जीतने वाले अडानी समूह का मुद्दा उठाया।
त्रिवेदी ने सदन में आग्रह किया कि जब आप वंदे भारत मिशन की सराहना करते हैं, तो याद रखें कि वह एयर इंडिया था जो रेस्क्यू के लिए आगे आया था। अगर एयर इंडिया नहीं होगा, तो कोई निजी क्षेत्र नहीं होगा, इसे सुधार की जरूरत है, इसे न बेचें। वेणुगोपाल ने कहा कि अडानी समूह ने छह हवाईअड्डों को संचालित करने और विकसित करने के लिए नीलामी जीती है। एक निजी इकाई को हवाईअड्डे देने में मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है। सरकार ने अपने कुछ मंत्रालयों और विभागों की सलाह को नजरअंदाज कर दिया। मानदंडों में बदलाव से अडानी समूह सभी छह नीलामी बोलियां जीतने में कामयाब रहा। डीजीसीए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) को विमान (संशोधन) बिल, 2020 से एक वैधानिक समर्थन मिलता है।
Air India का प्राइवेटाइजेशन ही अंतिम विकल्प: पुरी
एयरक्राफ्ट संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है। लोकसभा ने इसे मार्च, 2020 में ही पास कर दिया था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून बन जाएगा। इस बिल में यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मंगलवार को राज्यसभा में एयरक्राफ्ट संशोधन बिल पर चर्चा करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया के ऊपर कर्ज को देखते हुए सरकार के पास केवल दो विकल्प बचे हैं। या तो केंद्र सरकार इसका प्राइवेटाइजेशन करेगी या फिर इसे बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया पर इतना अधिक कर्ज है कि सरकार एयर इंडिया की कोई मदद नहीं कर सकती है। इस सेवा को चलाए रखने के लिए इसका निजीकरण करना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार को मजबूरन एयर इंडिया को बंद करना होगा।
राज्यसभा में एयरक्राफ्ट संशोधन बिल 2020 पर चर्चा के दौरान हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि Air India पर 60,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। ऐसे में हमारे पास बेहद सीमित विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन से इसे नया मालिक मिलेगा और यह आसमान की ऊंचाइयों में उड़ान भरता रहेगा। हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को यह भी बताया कि कुल एयर ट्रैफिक में दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत है। जबकि, अडानी ग्रुप को जो 6 एयरपोर्ट दिए गए हैं, उन पर कुल ट्रैफिक केवल 9 प्रतिशत है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने अडानी ग्रुप को 6 एयरपोर्ट सौंपे जाने का विरोध किया है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने अपने मंत्रालयों और विभागों की सलाह नहीं ली और गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें 6 एयरपोर्ट सौंप दिए।
एयरक्राफ्ट संशोधन बिल पास होने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इससे सिविल एविएशन सेक्टर की तीनों रेगुलेटरी बॉडी डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को और ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा। इस कानून के लागू हो जाने के बाद फ्लाइट में लापरवाही बहुत महंगी पड़ सकती है। इस बिल को मंजूरी मिलने के साथ ही हवाई उड़ान में हुई लापरवाही पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा। यह बिल साल 1934 के कानून की जगह लेगा। अब हवाई उड़ान के दौरान लापरवाही बरतने वाली एयरलाइंस कंपनियों को एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, जो अभी तक केवल 10 लाख रुपए था। यह जुर्माना सभी क्षेत्रों की एयरलाइंस कंपनियों पर लागू होगा।