नई दिल्ली। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में अच्छी मांग होने के कारण देश के हस्तशिल्प निर्यात में चालू वित्त वर्ष में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने यह जानकारी दी है। हालांकि, ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की स्थिति में यह वृद्धि प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, 'मौजूदा रुख के मुताबिक, हम चालू वित्त वर्ष में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। निर्यातकों की ऑर्डर बुक अच्छी है और अमेरिका और यूरोप के हमारे प्रमुख बाजारों में अच्छी मांग है।'
अप्रैल-जून 2021 के दौरान निर्यात पिछले साल की समान अवधि के 1,259.34 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,447.71 करोड़ रुपये हो गया है। मल्होत्रा ने कहा कि भारत से वस्तुओं के निर्यात की योजना (एमईआईएस) के तहत कोष जारी करने जैसे सरकारी समर्थन से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में हस्तशिल्प उत्पादों की भारी मांग है और ई-कॉमर्स नए उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स पर अगली विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स निर्यात की सुविधा के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), डाक विभाग (डीओपी), विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) जैसे कई इंटरफेस के डिजिटल एकीकरण की आवश्यकता है।
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