नई दिल्ली। बच्चों को हाफ टिकट पर अब ट्रेन में अलग से पूरी बर्थ नहीं मिलेगी। भारतीय रेलवे ने बच्चों से जुड़े अपने किराये के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। इस बदलाव से जहां एक ओर बिना एक पैसा खर्च किए साल में अतिरिक्त दो करोड़ कन्फर्म बर्थ उपलब्ध होंगी, वहीं दूसरी ओर रेलवे को 525 करोड़ रुपए का अतिरिक्त सालाना राजस्व प्राप्त होगा। रेलवे ने 5 से 12 साल के बच्चों को अलग से सीट या बर्थ देने के लिए पूरा किराया वसूलने की योजना बनाई है। अभी तक, 5-12 साल के बच्चों को आधे किराये पर पूरी सीट या बर्थ उपलब्ध कराई जाती है।
नए नियम के मुताबिक 5 से 12 साल तक के बच्चों का टिकट आधी कीमत पर ही मिलेगा, लेकिन उन्हें अलग सीट या बर्थ नहीं मिलेगी। ऐसे मामलों में अभिभावकों को अपनी आरक्षित सीट को बच्चों के साथ बांटनी होगी। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मुफ्त में यात्रा की सुविधा (बगैर बर्थ) मिलती रहेगी। रेलवे का यह नया नियम 22 अप्रैल से प्रभावी होगा।
जानिए रेलवे से जुड़े रोचक तथ्य
Indian Rail
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रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि, इस कदम से मध्यम वर्गीय परिवारों को कुछ परेशानी होगी, लेकिन इस फैसले से अन्य यात्रियों के लिए एक साल में 2 करोड़ कन्फर्म बर्थ उपलब्ध हो सकेंगी। इससे रेलवे को अतिरिक्त 525 करोड़ रुपए की आय भी होगी। वित्त वर्ष 2014-15 में 5 से 12 साल की उम्र के 2.11 करोड़ बच्चों ने आधे किराये में पूरी सीट हासिल की। रेलवे के इस फैसले को तर्कसंगत बताते हुए अधिकारी ने कहा कि यह फैसला पैसेंजर ट्रांसपोर्ट क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करने में मदद करेगा। अनारक्षित टिकटों पर बच्चों के किराया नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेलवे जल्द ही रिजर्वेशन फॉर्म में जरूरी बदलाव करेगा, ताकि यात्री बच्चों के लिए पूरी सीट लेने या न लेने का विकल्प चुन सकें।