नई दिल्ली। कर्ज के बोझ से दबी क्वॉलिटी डेयरी के अधिग्रहण की दौड़ में सिर्फ एक कंपनी दिल्ली की हल्दीराम ही शामिल है। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही क्वॉलिटी के लिए हल्दीराम समूह ने 130 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। इसी महीने बाद में क्वॉलिटी के ऋणदाता हल्दीराम की बोली पर मतदान करेंगे।
बहुराष्ट्रीय परामर्शक कंपनी ईवाई से जुड़े शैलेन्द्र अजमेरा को दिवाला प्रक्रिया के लिए समाधान पेशेवर (आरपी) नियुक्त किया गया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के बाद क्वॉलिटी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया दिसंबर, 2018 में शुरू हुई थी। वैश्विक निजी इक्वटी कंपनी केकेआर ने क्वॉलिटी के खिलाफ दिवाला अपील दायर की थी।
क्वॉलिटी ने 2016 में केकेआर इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज से 300 करोड़ रुपए जुटाये थे। इसके अलावा उसे 220 करोड़ रुपए के लिए अतिरिक्त प्रतिबद्धता भी मिली थी। क्वॉलटी ने यह राशि विस्तार योजना और उपभोक्ता खंड में उतरने के लिए जुटाई थी।
ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) की बुधवार को बैठक हुई, जिसमें निपटान प्रक्रिया की समीक्षा की गई और मूल्यांकन रिपोर्ट पर विचार किया गया। सूत्रों ने बताया कि क्वॉलिटी के लिए बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी हल्दीराम है। सीओसी समाधान योजना पर अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में मतदान करेगी।
क्वालिटी पर कुल 1900 करोड़ रुपए का कर्ज है। यह कंपनी दूध प्रसंस्करण और घी, मिल्क पावडर, लस्सी, छाछ और फ्लेवर्ड मिल्क जैसे डेयरी उत्पादों के विनिर्माण में लगी हुई थी। इसके पास दो दूध प्रसंस्करण इकाई हैं, जो हरियाणा के सोफ्ता और उत्तर प्रदेश की दिबाई में स्थित हैं।