नई दिल्ली। अमेरिकी संसद में दोनों पार्टियों (डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन) के 4 सासंदों ने H1Bऔर L1 वर्क वीजा में सुधार को लेकर बिल पेश किया है। माना जा रहा है कि इस कदम के जरिए अमेरिका में विदेशी कंपनियों के H1B वीजा के नियम उल्लंंघन पर रोक लगेगी। आपको बता दें कि 4 अमेरिकी सांसदों की ओर से यह विधेयक ऐसे वक्त में पास किया गया है, जब नैस्कॉम के डेलिगेशन ने हाल ही में अमेरिका की यात्रा कर ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
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इस कदम के जरिए नियमों में खामिया दूर होंगी
- इन सभी विधेयकों में एच-1बी और एल-1 वीजा प्रोग्राम्स में खामियों को दूर करने की मांग की गई है।
- इसके अलावा अमेरिकी एंप्लॉयीज और वीजा होल्डर्स को संरक्षण देने की भी मांग की गई है।
- आपको बता दें कि इस बिल को पेश करने वाले सांसदों में भारतीय मूल के आर ओ खन्ना भी शामिल हैं। इससे पहले भी अमेरिकी संसद में ऐसे करीब आधा दर्जन विधेयक पेडिंग हैं।
- एच-1बी वीजा और एल-1वीजा रिफॉर्म ऐक्ट, 2017 को सांसद बिल पास्क्रेल, डेव ब्रैट, आर ओ खन्ना और पॉल गोसार ने पेश किया।
अमेरिकी को H1B वीजा से हो रहा है भारी नुकसान!
- अमेरिका के राजनीतिक नेतृत्व के एक बड़े खेमे का मानना है कि फॉरन गेस्ट वर्कर वीजा प्रोग्राम का सबसे अधिक लाभ भारतीय कंपनियां उठा रही हैं।
- वह भारतीय एंप्लॉयीज को कम वेतन में हायर कर रही हैं, जबकि अमेरिकी वर्कर्स को विस्थापन झेलना पड़ा है।
H1B पर अमेरिकी सरकार ने भारत को दिलाया है भरोसा
- इस बीच अमेरिकी सरकार ने भारत को भरोसा दिलाते हुए कहा कि एच-1बी वीजा नियमों को कड़ा करना उसकी प्राथमिकता में नहीं है। हालांकि यह ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन पॉलिसी के बड़े अजेंडे का एक हिस्सा रहेगा।
- अमेरिका की ओर से यह भरोसा ऐसे वक्त में दिलाया गया है, जब वहां एच-1बी वीजा का लेकर कार्यकारी आदेश जारी किए जाने पर बहस चल रही है और मीडिया में भी इसे प्रमुखता से जगह दी जा रही है।