नई दिल्ली: गुजरात, केरल और तमिलनाडु 2020-21 में खाद्य सुरक्षा मानकों के मामले में शीर्ष पर रहे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा सोमवार को जारी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसमें राज्यों को पांच मानदंडों खाद्य सुरक्षा, मानव संसाधन और संस्थागत आंकड़ों, अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के अलावा उपभोक्ता सशक्तीकरण के आधार पर रैंकिंग दी जाती है।
इस रैंकिंग में बड़े राज्यों में गुजरात, केरल और तमिलनाडु शीर्ष पर रहे हैं। वहीं छोटे राज्यों की बात की जाए, तो गोवा पहले स्थान पर रहा है। उसके बाद मेघालय और मणिपुर का स्थान रहा है। संघ शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप तथा दिल्ली शीर्ष तीन स्थानों पर रहे हैं। एफएसएसएआई द्वारा जारी किया गया यह तीसरा सूचकांक है। केंद्रीय मंत्री ने नियामकीय निकाय के गठन के 15 साल पूरे होने के मौके पर इसे जारी किया।
मंडाविया ने एफएसएसएआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें अपने नागरिकों को उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाला खाद्य नहीं उपलब्ध कराना चाहिए। हम खराब गुणवत्ता की खाद्य सामग्री बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन यह पूर्ण समाधान नहीं है। इस दिशा में काफी कुछ करने की जरूरत है। कई और कदम उठाने की जरूरत है। आगामी दिनों में हमें अपने नागरिकों को स्वस्थ बनाने के लिए काम करना है।’’
खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2020-21 के अनुसार, बड़े राज्यों में ओडिशा और हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग में सतत सुधार हुआ है। ओडिशा की रैंकिंग सुधरकर चार हो गई है, जो 2018-19 में 13 थी। इसी तरह हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग 10 से सुधरकर छह पर आ गई है। छोटे राज्यों में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की रैंकिंग में सतत सुधार हुआ है।