लंदन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत में तेज गति से वृद्धि करने की क्षमता है। देश में गरीबी कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने भारत के पूरी तरह से नकदीरहित अर्थव्यवस्था बनने को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया।
जेटली ने कहा, नोटबंदी की एक बड़ी वजह कर अनुपालन नहीं होना रहा है। बेनामी कारोबार को कम अथवा समाप्त करने की दिशा में नोटबंदी की गई। मुझे नहीं लगता है कि भारत तुरंत एक नकदीरहित प्रणाली बनने जा रहा है। मैं यह देख रहा हूं कि भारत कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बन रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली से नकदी का सृजन और मुश्किल होगा और साथ ही कर प्रणाली अधिक सक्षम होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी प्रणाली को एक जुलाई से लागू कर लिया जाएगा।
केन्द्र सरकार के डिजिटलीकरण और नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने के प्रयासों पर उन्होंने कहा, प्रमुख व्यावसाय, भू-संपत्ति लेनदेन, वेतन भुगतान और स्कूल फीस नकदी-रहित प्रणाली के जरिए किया जाएगा। लेकिन यह पूरी तरह से नकदी रहित होगी? मुझे नहीं लगता कि यह तुरंत होने जा रहा है।
- पिछली तिथि से कराधान के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस तरह का कोई कर नहीं लगाने का फैसला किया है।
- इस तरह के जो मौजूदा विवाद हैं उन्हें द्विपक्षीय स्तर पर या फिर न्यायिक प्रणाली के जरिये सुलझाया जा रहा है।