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विशेषज्ञों ने कहा, एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स को हटाने से GST आसान होगा

टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा एक प्रतिशत के अतिरिक्त अंतरराज्यीय कर को हटाने के प्रस्ताव से वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुगम होगा।

Dharmender Chaudhary
Updated on: July 31, 2016 16:15 IST
Monsoon Session: एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स हटाने से आसान होगा GST, राज्यसभा में इस हफ्ते बिल पर होगी चर्चा- India TV Paisa
Monsoon Session: एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स हटाने से आसान होगा GST, राज्यसभा में इस हफ्ते बिल पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा एक फीसदी के अतिरिक्त अंतरराज्यीय टैक्स को हटाने के प्रस्ताव से वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुगम होगा और भ्रम समाप्त होगा। राज्यसभा में इस सप्ताह आजादी के बाद देश के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष टैक्स सुधार बिल पर चर्चा होगी। इसके बीच सरकार ने प्रमुख विपक्षी दल की वस्तुओं की अंतरराज्यीय आवाजाही पर एक फीसदी के अतिरिक्त कर को हटाने की मांग स्वीकार कर ली है। इसके अलावा राज्यों को पहले पांच साल तक पूरे राजस्व नुकसान की भरपाई करने पर भी सहमति बनी है।

बीएमआर एंड एसोसिएट्स एलएलपी के भागीदार महेश जयसिंह ने कहा कि सरकार के अंतरराज्यीय आपूर्ति पर एक फीसदी का अतिरिक्त कर समाप्त करने के प्रस्ताव से जीएसटी सरल होगा। उनका मानना है कि इस कर से अंतरराज्यीय आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ता। साथ ही इससे कंपनियों द्वारा भंडारगृह और लॉजिस्टिक्स पर निवेश का फैसला भी प्रभावित होता। विश्लेषकों का मानना है कि जीएसटी से देश की आर्थिक वृद्धि दर में दो फीसदी अंक का इजाफा होगा।

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केपीएमजी के भागीदार एवं प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) सचिन मेनन ने कहा कि जीएसटी में किए गए बदलावों से सरकार की इस विधेयक को पेश करने की प्रतिबद्धता का पता चलता है। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि हमारे प्रतिनिधि राष्ट्र को आगे रखते हुए जिम्मेदारी वाले व्यवहार के साथ जीएसटी विधेयक को पारित कराएंगे। राज्यसभा में इस सप्ताह यह विधेयक विचार विमर्श के लिए सूचीबद्ध है।

पीडब्ल्यूसी की भागीदार (अप्रत्यक्ष कर) अनीता रस्तोगी ने कहा कि प्रस्तावित एक फीसदी टैक्स जीएसटी की प्रमुख अवधारणा के अनुकूल नहीं था। इससे पूरी आपूर्ति श्रृंखला की लागत बढ़ती। इससे हटाने का फैसला स्वागतयोग्य है। नांगिया एंड कंपनी के भागीदार नीतिश शर्मा ने कहा कि एक प्रतिशत के अतिरिक्त कर को हटाना एक अनुकूल कदम है। इससे निश्चित रूप से कर प्रक्रिया सरल होगी। डेलॉयट हॉस्किंस एंड सेल्स एलएलपी के वरिष्ठ निदेशक एम एस मणि ने कहा कि विनिर्माण राज्यों की भरपाई के लिए किए गए एक फीसदी के अतिरिक्त कर के प्रस्ताव को समाप्त किए जाने से जीएसटी मूल्य श्रृंखला में एक प्रमुख असामान्य स्थिति खत्म होगी। पीडब्ल्यूसी की रस्तोगी का मानना है कि चालू मानसून सत्र में यदि राज्यसभा जीएसटी को पारित कर देती है तो एक अप्रैल से इसे लागू करना संभव हो सकता है।

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