नई दिल्ली। एक जुलाई से देश में लागू होने वाले गुड्स एवं सर्विसेस टैक्स (GST) में टेलीकॉम सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सरकार ने इसे 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने श्रीनगर में जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं पर मानक 18 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा।
मोबाइल उद्योग संगठन सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने एक बयान में कहा कि दूरसंचार उद्योग ने एक महत्वूपर्ण सुधार के रूप में जीएसटी की सराहना की लेकिन हम 18 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाए जाने की घोषणा से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, हमने सरकार से क्षेत्र की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर गौर करने को कहा था और कहा था कि 15 प्रतिशत से अधिक दर के टैक्स से दूरसंचार सेवाएं उपभोक्ताओं के लिए अधिक महंगी होंगी।
तस्वीरों में देखिए किस पर कितना देना होगा टैक्स और सेस
GST tax rates
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मैथ्यूज ने कहा कि जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत कर दूरसंचार उद्योग पर मौजूदा बोझ को और बढ़ाएगा। ईवाई इंडिया के टैक्स-पार्टनर उदय पिंपरीकर ने कहा, दूसरसंचार क्षेत्र पर 18 प्रतिशत का कर लगाने से कुल मिला कर टैक्स बोझ बढ़ेगा और इस तरह यह ग्राहकों के लिए एक बुरा अनुभव होगा। पिंपरीकर ने कहा कि दूरसंचार एक आवश्यक सेवा है इसको और अधिक संवेदनशील नजरिए से देखा जाना चाहिए।