नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करना काफी झंझट वाला काम है और यह बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां तैयारियां कमजोर हैं। हालांकि, अप्रैल 2017 में इसको लागू करने की समयसीमा को देखते हुए इन्हें ठीक करने के लिए अभी समय है।
विशाल सिक्का ने जीएसटी को लागू करने की तैयारियों के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा, कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां फिलहाल तैयारियां कमजोर हैं। लेकिन हमारे पास अभी उस वक्त तक का समय है। सरकार इस कमजोरी को दूर करने के लिए काफी प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्रालय ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि सिक्का ने आज वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) और उसको परिचालन में लाने की रूपरेखा पर प्रजेंटेशन दिया। सिक्का ने कहा कि यह काफी झंझट वाली चुनौती है। हम जानते हैं कि उन पर बैठे रहना चिंता की बात है, लेकिन हम इसके लिए तैयार हो जाएंगे।
जीएसटीएन में 51 फीसदी हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के पास है और सरकार की इसमें अल्पांश हिस्सेदार है। जीएसटी को लागू करने के रास्ते की प्रमुख चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर सिक्का ने कहा कि प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक तैयारियों को लेकर मुद्दे है। जीएसटी आईटी ढांचे को सुरक्षित बनाने के लिए इंफोसिस कुछ विश्वस्तरीय उपाय कर रही है। इंफोसिस को सितंबर, 2015 में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का आईटी ढांचा तैयार करने का काम सौंपा गया था। सिक्का ने स्वीकार किया कि जीएसटी का आईटी ढांचा एक बेहद जटिल तथा महत्वाकांक्षी प्रक्रिया है, क्योंकि इसमें बैंकों से लेकर छोटे उद्योगों और राज्यों को भी शामिल किया जाना है।