नई दिल्ली। माल एवं सेवाकर यानि जीएसटी प्रक्रिया को और सरल करते हुये बिक्री रिटर्न दाखिल करने के मामले में कुछ और बदलाव जल्द लागू होने जा रहे हैं। सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सालाना पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को अगले वर्ष जनवरी से एक साल के दौरान मात्र चार बिक्री रिटर्न दाखिल करने होंगे। वर्तमान में इन कारोबारियों को मासिक आधार पर कुल 12 रिटर्न दाखिल करने होते हैं। सूत्रों ने बताया कि कर की मासिक भु्गतान योजना के साथ तिमाही रिटर्न दाखिल (क्यूआरएमपी) करने की योजना का असर करीब 94 लाख करदाताओं पर पड़ेगा। यह जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं का लगभग 92 प्रतिशत है। यानी इस योजना से जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों की एक बड़ी संख्या को फायदा होगा। इस प्रकार अगले साल जनवरी से छोटे कारोबारियों को साल में चार जीएसटीआर-3बी और चार जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने होंगे।
सूत्रों ने बताया कि इस योजना को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) उपलब्ध कराने में भी लागू किया जाएगा। यह केवल रिपोर्ट किए जाने वाले बिलों को लेकर होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इनवॉयस दाखिल करने की सुविधा (आईआईएफ) का विकल्प भी दिया जाएगा। आईआईएफ सुविधा के तहत इस योजना का लाभ उठाने वाले छोटे कारोबारी तिमाही के पहले और दूसरे महीने में अपने बिल अपलोड कर पाएंगे। जीएसटी परिषद ने 5 अक्ट्रबर को हुई अपनी बैठक में इस बारे में फैसला किया था। उसने कहा था कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को कर का मासिक भुगतान करने के साथ तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जा सकती है। यह व्यवस्था एक जनवरी 2021 से लागू होगी।