मुंबई। वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में असंगठित क्षेत्र के कारोबारियों का कारोबार घटने से संगठित ज्वैलरी रिटेलर्स को फायदा होगा। क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से असंगठित क्षेत्र के कारोबारियों का कारोबार घटने की संभावना है।
इस उद्योग के सालाना कारोबार में फिलहाल असंगठित क्षेत्र का हिस्सा तीन-चौथाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आभूषण का अंतिम मूल्य इस व्यवस्था में एक प्रतिशत बढ़ेगा। क्रिसिल का अनुमान है कि फिलहाल असंगठित क्षेत्र के सर्राफा कारोबार का सालाना राजस्व 2.85 लाख करोड़ रुपए है।
क्रिसिल का कहना है कि जीएसटी के अलावा अन्य उपायों मसलन दो लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर रोक और स्वर्ण जमा योजनाओं से भी संगठित क्षेत्र के खिलाड़ियों को फायदा होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी के क्रियान्वयन के साथ एक अप्रैल, 2017 से दो लाख रुपए से अधिक की नकद खरीद पर रोक से उपभोक्ता संगठित आभूषण क्षेत्र की ओर जाएंगे।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक अमित भावे ने कहा कि कुल कर दर में मामूली वृद्धि से मांग पर विशेष असर नहीं होगा। इसके अलावा आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता में सुधार और पारदर्शिता से संगठित क्षेत्र के कारोबारियों को फायदा होगा और मध्यम अवधि में उनकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी।