नई दिल्ली। जीएसटी से होने वाली समस्याओं को हल करने के अपने वादे के तहत सरकार जल्द ही मिडिल क्लास परिवारों को बड़ी राहत देने की तैयारी में जुटी है। जीएसटी काउंसिल रेस्टॉरेंट्स पर जीएसटी दर में कटौती की घोषणा कर सकती है। जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक 9-10 नवंबर को गुवाहाटी में होनी है, जिसमें एसी रेस्टॉरेंट्स पर मौजूदा 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर 12 फीसदी किए जाने की संभावना है।
यदि सरकार ऐसा फैसला करती है तो पहले के मुकाबले रेस्टॉरेंट्स में खाना सस्ता हो जाएगा। एसी या शराब लाइसेंस वाले रेस्टॉरेंट्स अभी 18 प्रतिशत और बिना एयर-कंडिशन वाले रेस्टॉरेंट्स 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल रहे हैं। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जीएसटी काउंसिल को शिकायतें मिली थीं कि रेस्टॉरेंट्स 18 प्रतिशत जीएसटी वसूल करने के बावजूद इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद इस तरह की सर्विसेज पर टैक्स 15 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि अगर दोनों तरह के रेस्टॉरेंट्स के लिए जीएसटी रेट समान किया जाता है तो इससे उन्हें इनपुट पर चुकाए गए टैक्स को क्लेम करने की सुविधा छोड़नी पड़ सकती है। जीएसटी काउंसिल ने अपनी पिछली बैठक में रेस्टॉरेंट्स पर जीएसटी की दर पर विचार करने के लिए असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसे दो हफ्ते की भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था।
अधिकारी ने बताया कि समिति ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है और अब इन्हें आगामी बैठक में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। रेस्टॉरेंट्स मालिकों की एसोसिएशन ने सभी प्रकार के रेस्टॉरेंट्स पर एक समान 12 प्रतिशत जीएसटी तय करने के साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा बरकरार रखने की मांग की थी। जीएसटी काउंसिल ने छोटे कारोबारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम को और आकर्षक बनाने के लिए इसकी सीमा को 75 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर कर दी है। इसके तहत रेस्टॉरेंट्स भी कंपोजिशन स्कीम का फायदा ले सकते हैं, जिसमें बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5 प्रतिशत टैक्स देना होता है।