नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की इस सप्ताह होने जा रही बैठक में मोबाइल फोन, ऊर्वरक, कृत्रिम धागे और कपड़ों पर अप्रत्यक्ष कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत की जा सकती हैं। विशेषज्ञों ने ऐसी राय जाहिर की है। जीएसटी परिषद की बैठक 14 मार्च को होने वाली है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी दरें बढ़ाने से विनिर्माताओं के पास पूंजी की स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन इससे तैयार माल की कीमतें बढ़ सकती हैं। अभी कुछ तैयार माल पर पांच से 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। हालांकि इनसे संबंधित सेवाओं तथा पूंजीगत वस्तुओं पर 18 प्रतिशत अथवा 28 प्रतिशत की दर से अपेक्षाकृत अधिक कर लगता है। विनिर्माताओं को उन मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड का दावा करना पड़ता है, जिनमें तैयार माल की तुलना में इनपुट कर की दरें अधिक होती हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस व्यवस्था के तहत सालाना करीब 20 हजार करोड़ रुपये के रिफंड का दावा किया जाता है। इसे दुरुस्त करने की जरूरत है। अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी परिषद चरणबद्ध तरीके से इस गड़बड़ी को दूर करेगी। शनिवार की बैठक में चार सामानों मोबाइल, ऊर्वरक, जूते एवं कृत्रिम धागे तथा कपड़े एवं परिधान पर निर्णय लिया जा सकता है। अभी मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि इनपुट की दर 18 प्रतिशत है। अधिकारी ने कहा कि मोबाइल फोन को 12 प्रतिशत जीएसटी दर के दायरे में बनाये रखने के पीछे शायद ही कोई तार्किक कारण हो, क्योंकि टीवी, टॉर्च, गीजर, आइरन, हीटर, मिक्सर, जूसर आदि जैसे कई सामानों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लग रहा है।