नई दिल्ली। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने फिलिप्स इंडिया को 4.53 लाख रुपए के जीएसटी दर कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं पहुंचाने का दोषी पाया है। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) को इस बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ प्राप्त शिकायत की जांच करने को कहा था।
देश में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद कंपनी के खिलाफ उसके फूड प्रोसेसर का दाम नहीं घटाने की शिकायत की गई थी। डीजीएपी ने पाया कि जीएसटी लागू होने के बाद फूड प्रोसेसर पर कर की दर को पहले के 29.80 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया।
डीजीएपी ने पाया कि फूड प्रोसेसर का विदेश से आयात किया जाता था और इस पर फिलिप्स एमआरपी पर मूल्य वर्धित कर (12.50 से लेकर 15.95 प्रतिशत) के दायरे के अलावा 12.50 प्रतिशत की दर से प्रतिपूर्ति शुल्क का भुगतान कर रही थी। इस लिहाज से जीएसटी से पहले के समय में कंपनी को औसतन 29.80 प्रतिशत की दर से कर देना पड़ रहा था।