नई दिल्ली। प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (GST ) को लेकर सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीएसटी व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र व राज्यों के बीच आज कोई चर्चा नहीं हो सकी।
इसके कारण अब इस नई कर प्रणाली के अगले साल एक अप्रैल से लागू किए जाने की संभावना एक तरह से मुश्किल दिख रही है।
महत्वपूर्ण थी बैठक
जीएसटी परिषद की छठवीं बैठक में जीएसटी करदाताओं पर दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर फैसला किया जाना था लेकिन दो दिन की यह बैठक आज एक दिन में ही खत्म कर दी गई और इसमें नियंत्रण पर अधिकार के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी। पूरा दिन प्रस्तावित जीएसटी विधेयकों के अनुच्छेदवार चर्चा में निकल गया। जीएसटी परिषद की आगामी बैठक अब 22-23 दिसंबर को होगी।
सितंबर तक खिसक सकती है तारीख
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने यद्यपि नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एक अप्रैल 2017 से लागू करन के लक्ष्य के बारे में साफ साफ कुछ नहीं कहा पर केरल व तमिलनाडु जैसे राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अब यह समयसीमा संभव नहीं दिखती। अब जीएसटी को सितंबर 2017 से लागू किए जाने की संभावना है।
समाधान के फॉर्मूले पर काम कर रही है सरकार
जेटली ने कहा,विधेयक के मसौदे में लगभग 195 अनुच्छेद हैं। इसलिए यह पूरे कानून का केंद्रीय विधेयक है। हमने 99 अनुच्छेदो पर चर्चा की और अभी कुछेक धाराओं को फिर से लिखने की जरूरत है। आने वाले दिनों में इसमें संशोधन कर लेंगे। उम्मीद है कि अगले बैठक में विधेयक से सम्बधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाएगी।