मुंबई। देश में वस्तु एवं सेवाकर (GST) लागू होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने निजी दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर लगने वाले वन टाईम रजिस्ट्रेशन फीस को दो प्रतिशत बढ़ा दिया है। राज्य के परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के बाद अब अन्य राज्य सरकारें भी ऐसा कदम उठा सकती हैं। जीएसटी के बाद छोटी कारों के दाम में जो 3 प्रतिशत की कटौती हुई है, उसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पाएगा।
अधिकारी ने कहा कि इस वृद्धि को सोमवार को महाराष्ट्र मंत्रीमंडल ने मंजूरी दी है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य में चुंगी और स्थानीय निकाय टैक्स समाप्त होने से राजस्व का जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई के लिए यह कदम उठाया गया है।
राज्य सरकार ने हालांकि, महंगी आयातित कारों के मामले में टैक्स राशि को अधिकतम 20 लाख रुपए निर्धारित कर दिया है। इससे पहले कुल कार की कीमत पर 20 प्रतिशत का टैक्स वसूला जाता रहा है। अधिकारी ने इस पर और जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब महाराष्ट्र के लोगों ने आयातित कार खरीदी लेकिन उसका पंजीकरण दूसरे राज्य में कराया, जहां टैक्स की दर कम है। इससे राज्य को राजस्व का नुकसान होता रहा है। इस नुकसान से बचने के लिए राज्य सरकार ने महंगी आयातित कारों पर अधिकतम टैक्स को 20 लाख रुपए रखने का फैसला किया है, फिर चाहे कार की कीमत कुछ भी हो।
अब इतनी देनी होगी रजिस्ट्रेशन फीस
अधिकारी ने कहा कि इससे पहले दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर वन टाईम रजिस्ट्रेशन फीस 8 से 10 प्रतिशत लगती थी, जिसे बढ़ाकर अब 10 से 12 प्रतिशत कर दिया गया है।
- पेट्रोल से चलने वाले वाहनों पर पहले 9 से 11 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस थी, जो बढ़कर 11 से 13 प्रतिशत हो गई।
- डीजल की कारों पर इसे 11-13 प्रतिशत से बढ़ाकर 13-15 प्रतिशत किया गया है।
- सीएनजी और एलपीजी कारों के लिए इसे 5-7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7-9 प्रतिशत कर दिया गया है।