नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 18 अक्टूबर से तीन दिन की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो रही है। इसमें GST दर पर फैसला किया जाना है। अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में व्यापक बुनियादी सुधार के लिए प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को पहली अप्रैल 2017 से लागू करने का लक्ष्य है।
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GST दर तय किए जाने के कारण महत्वपूर्ण है यह बैठक
- GST काउंसिल इस बैठक में राज्यों को नई प्रणाली में राजस्व हानि पर क्षतिपूर्ति के फार्मूले जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान ढूंढेगी।
- वित्त मंत्रालय ने काउंसिल में सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिये 22 नवंबर की समय-सीमा निर्धारित की है। ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है।
- GST की दर निर्धारित किए जाने के नजरिए से लोगों की निगाहें इस बैठक पर हैंं क्योंकि कर की दरें लोगों की जिंदगी को प्रभावित करती हैं।
- बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान के एवज में केंद्र की तरफ से दिए जाने वाले मुआवजे के फार्मूले के बारे में भी विचार किया जाएगा।
- पहली बैठक में 3-4 विकल्पों पर चर्चा की गई थी लेकिन आम सहमति नहीं बन सकी।
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CGST और IGST को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी
- GST काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं। इस बैठक में केंद्र द्वारा नई व्यवस्था में 11 लाख सेवा कर देने वाले को अपने जिम्मे रखने के जटिल मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा।
- वित्त मंत्रालय प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगा ताकि उसके बाद केंद्रीय जीएसटी (CGST) तथा समन्वित जीएसटी (IGST) को 16 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।
पिछली बैठक में क्षेत्र आधारित छूट को दिया गया था अंतिम रूप
- पिछले महीने GST काउंसिल की बैठक में क्षेत्र आधारित छूट को अंतिम रूप दिया गया था।
- यह निर्णय मुख्यत: पूर्वोत्तर क्षेत्र के और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों के कुल 11 राज्यों में जीएसटी के दायरे में बाहर रखे जाने वाली इकाइयों की कारोबार की सीमा से संबंधित था।
- पिछले साल मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता वाली समिति ने अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं के लिए जीएसटी की मानक दर 17 से 18 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया था।
- कम कर वाली वस्तुओं पर GST 12 प्रतिशत और कार, पान मसाला और तंबाकू जैसी विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत मानक दर प्रस्ताव किया था।
- मूल्यवान धातुओं पर 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में दर की सिफारिश की गई है।
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असम ने शुरू की GST पंजीकरण की प्रक्रिया
- असम ने GST प्रणाली के तहत करदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- राज्य कर विभाग ने वैट, सीएसटी, प्रवेश शुल्क, लग्जरी कर व मनोरंजन कर के तहत पंजीकृत डीलरों व करदाताओं के मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी लेने शुरू कर दिए हैं।
- इसके आधार पर उन्हें अस्थायी आधार पर GST पहचान नंबर (GSTIN) जारी किए जाएंगे।