नई दिल्ली। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद (GST Council) की दूसरी व आम बजट 2019-20 के बाद पहली बैठक होगी। बैठक में बजट के दौरान की गई घोषणाओं को लेकर कई अहम फैसले हो सकते हैं, जिससे आम जनता को राहत मिलने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बैठक दोपहर तीन बजे के बाद होगी। बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी नहीं दी गयी है लेकिन बताया जा रहा है कि बैठक में ई-वाहनों पर टैक्स में कमी के प्रस्ताव का निर्णय लिया जा सकता है।
जीएसटी परिषद की आज 36वीं बैठक में सौर ऊर्जा उत्पादक प्रणालियों एवं विंड टर्बाइन परियोजनाओं पर जीएसटी लगाये जाने के बाबत उनमें वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यांकन के विषय में भी फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं, यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। परिषद ने पिछले महीने आयोजित अपनी बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों, इलेक्ट्रिक चार्जरों एवं ई-वाहन किराये पर लेने पर जीएसटी लगाने से जुड़े मुद्दे को अधिकारियों की समिति को भेज दिया था।
ई-वाहनों के लिए 10 फीसदी पार्किंग रखनी होगी आरक्षित
बजट में ई-वाहन के लोन पर 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त कर छूट देने पर मुहर लगाई गई है। दरअसल, ई-वाहन पर जीएसटी में कटौती का मुद्दा पिछली बैठक में रेट फिटमेंट कमेटी को भेजा गया था, जो टैक्स घटाने पर सहमति दे चुकी है। समूह की सिफारिश पर आज मुहर लगने की संभावना है। राज्यों से कहा गया है कि इसमें ना सिर्फ मुफ्त पार्किंग, बल्कि मॉल, शॉपिंग कॉपलेक्स, दफ्तर, रिहायशी कॉलोनियों में ई-वाहनों के लिए 10 फीसदी पार्किंग आरक्षित रखनी होगी।
ई-वाहनों को पूरे देश में कहीं नहीं देना होगा टोल टैक्स
देशभर में ई-वाहनों को टोल टैक्स से पूरी तरह से मुक्त रखा जाएगा। यह नियम केंद्र और राज्य दोनों के टोल प्लाजा पर लागू होंगे। राज्य सरकारों को ई-वाहनों की बैटरी चार्जिंग के लिए भूमि आवंटन प्राथमिकता से करने के लिए कहा गया है। मॉल में यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू करने की जरूरत बताई गई है। जीएसटी परिषद की 21 जून को हुई बैठक में वर्ष 2017-18 का जीएसटी रिटर्न भरने की समयसीमा दो माह बढ़ा दी गई थी।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टैक्स में विचार करेगी सरकार
सूत्रों के मुताबिक ई-वाहनों के घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने को केंद्र ने जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल कारों एवं हाइब्रिड वाहनों पर जीएसटी की दर पहले से 28 प्रतिशत पर है। साथ ही इन पर उपकर भी लिया जाता है। परिषद सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर ढांचे पर भी विचार करेगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई में जीएसटी परिषद को कर ढांचे पर फिर से विचार करने को कहा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को बजट पेश किया था। इस बजट के बाद से जीएसटी काउंसिल की ये पहली बैठक है। बजट में ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी कम करने की सिफारिश की गई थी।
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण का हब बनाने का मकसद
मोदी सरकार ई-वाहनों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना चाहती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में भी कहा था कि जिस तरह डेट्रायट पारंपरिक वाहनों का हब है, सरकार उसी प्रकार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाना चाहती है। इसके लिए बैटरी, चार्जिंग प्वाइंट जैसे बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम किया जा रहा है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाईवे पर विशेष लेन बनाने पर विचार कर रही है और जल्द फैसला हो सकता है।