नई दिल्ली। श्रीनगर में GST काउंसिल की दो दिवसीय शुरू हो गई है। इस बैठक में देश के 1.30 अरब भारतीय नमक से लेकर आलीशान कार खरीदने और फोन कॉल से लेकर रेस्तरां में खाना खाने पर किस दर से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) देंगे, यह तय किया जाएगा। आपको बता दें कि बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, उनके मंत्रालय के अधिकारी और 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह बैठक शुक्रवार को खत्म होगा। यह भी पढ़े: जनवरी से मार्च तक भारत में सोने की मांग 15% बढ़ी, GST से दूसरी छमाही में सुस्त रहेगी डिमांड: WGC
बैठक में तय होंगी दरें
जीएसटी परिषद की श्रीनगर बैठक में टैक्स दरें तय की जाएंगी। इसमें विभिन्न कमोडिटी के लिए टैक्स की दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा। परिषद ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं को 5,12,18 और 18 फीसदी की कर श्रेणियों में लाएगी। पूरे देश में माल और सेवा कर की नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली एक जुलाई से लागू करने की योजना है। इसे भारत में अब तक के सबसे बड़े कर सुधार के रूप में देखा जा रहा है।यह भी पढ़े:देश का कर राजस्व दो सालों में 30 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद, जीएसटी और नोटबंदी से होगी बढ़ोतरी
इन राज्यों ने पास किया विधेयक
वित्त मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि तेलंगाना ने एसजीएसटी विधेयक को 9 अप्रैल को पारित किया। बिहार में इस विधेयक को 24 अप्रैल को, राजस्थान में 26 अप्रैल को, झारखंड में 27 अप्रैल को, छत्तीसगढ़ में 28 अप्रैल को, उत्तराखंड में 2 मई को, मध्य प्रदेश में 3 मई को और हरियाणा में 4 मई को पारित किया गया। बयान में कहा गया है कि शेष राज्यों-संघ शासित प्रदेशों द्वारा इस विधेयक को चालू महीने के दौरान ही पारित किए जाने की उम्मीद है। वहीं जो राज्य बच जाएंगे, वे इसे अगले महीने पारित करेंगे। यह भी पढ़े:GST प्रशिक्षण के लिए NIELIT सुविधाओं का किया जाए उपयोग : रविशंकर प्रसाद
जीएसटी से ऐसे बदल जाएगी आपकी जिदंगी
(1) घटेगी टैक्स की संख्या
टैक्स ऑन टैक्स खत्म होगा। जीएसटी में कम-से-कम 11 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज समाहित हो जाएंगे। आम आदमी भी आसानी से टैक्स का गणित समझ पाएगा।
(2) कम टैक्स
कुछ इनडायरेक्ट टैक्स बढ़ेंगे जबकि ज्यादातर में कटौती होगी। इससे आम आदमी की जेब पर भी बोझ कम हो जाएगा, क्योंकि कंपनियों की मैन्यूफैक्चरिंग लागत घट जाएगी।
(3) एक भारत, एक टैक्स
पूरा देश एक मार्केट हो जाएगा जहां के तमाम राज्यों के बीच सामानों की बेरोकटोक ढुलाई हो पाएगी। इससे कंपनियों पर टैक्स बोझ कम हो जाएगा। लिहाजा पूरे देश में सामान की कीमत एक जैसी हो जाएगी।
(4) कारोबार आसान होगा
टैक्स कम्प्लायंस तेज और आसान तो होगा ही। इस पर लागत भी कम आएगी।
(5) सरकारी खजाना बढ़ेगा
कुछ टैक्स में छूट और कुछ के पूरी तरह खात्मे की वजह से टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ेगा और सरकारी खजाने में आमदनी बढ़ेगी। गरीब राज्यों को ज्यादा आमदनी होगी।
तस्वीरों के जरिए समझिए क्या है GST
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