नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की चार मई को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक में जीएसटी रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने तथा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था नियमों में जरूरी संशोधन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसमें पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी चर्चा हो सकती है।
परिषद की 27वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी। इसमें राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। बैठक में जीएसटीएन को सरकारी कंपनी में तब्दील करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। एक अधिकारी के अनुसार रिटर्न को सरल बनाने के बारे में निर्णय एजेंडे में ऊपर है। सुशील मोदी की अगुवाई वाला मंत्रियों का समूह नए रिटर्न फॉर्म के तीन मॉडल पेश करेगा।
डॉक्टरों ने जेटली को संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक तौर पर सभाओं से बचने की सलाह दी है। इसीलिए बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करने का फैसला किया गया। परिषद ने मार्च में जीएसटी रिटर्न को लेकर दो मॉडल पर चर्चा की थी तथा मंत्री समूह इसे और सरल बनाने के लिए काम करेगा।
पेट्रोल, डीजल को जीएसटी में लाने का प्रस्ताव आने के बाद फैसला
ओडिशा सरकार ने कहा कि पेट्रोल, डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने का प्रस्ताव आने पर इस पर फैसला किया जाएगा। ओडिशा के वित्त मंत्री एस बी बेहेरा ने राज्य विधानसभा में बहस का जवाब देते हुए यह बात कही।
उन्होंने सदन को सूचित किया कि राज्य सरकार पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला तभी करेगी जबकि जीएसटी परिषद ऐसा कोई प्रस्ताव लाती है। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा सदस्यों ने सुझाव दिया था कि राज्य सरकार को पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के तहत लाना चाहिए ताकि ईंधन कीमतों को कम किया जा सके।