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GST परिषद की अगली बैठक में होगा पान मसाला व ईंट पर उपकर लगाने पर विचार, कपड़े व जूते-चप्‍पल पर दर घटाने की मांग

अभी पान मसाला पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी और 60 प्रतिशत की दर से उपकर लगता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 13, 2020 11:32 IST
GST Council may discuss levying cess on pan masala, bricks at manufacturing stage in next meeting- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

GST Council may discuss levying cess on pan masala, bricks at manufacturing stage in next meeting

नई दिल्‍ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद अपनी अगली बैठक में पान मसाला तथा विनिर्माण के स्तर पर ईंट पर उपकर वसूलने के बारे में चर्चा कर सकती है। कर चोरी को रोकने तथा राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए इस बारे में विचार किया जा रहा है। जीएसटी परिषद की शुक्रवार को हुई 40वीं बैठक में उत्तर प्रदेश ने ईंट भट्टा और पान मसाला से संबंधित मुद्दों को चर्चा के लिए उठाया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य इन सामग्रियों को लेकर दर के बारे में पूछ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मंत्री ने इसे जोर देकर उठाया क्योंकि वह अपने राज्य के लिए राजस्व जुटाना चाहते हैं और चाहते हैं कि जीएसटी परिषद इस बारे में शीघ्रता से निर्णय ले। अत: मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में हम इस मुद्दे को चर्चा के लिए सामने रखेंगे।

सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश ने निर्माता द्वारा की गई आपूर्ति पर उपकर को लागू करने की मौजूदा व्‍यवस्‍था से हटकर उत्पादन क्षमता के आधार पर विनिर्माण के स्तर पर उपकर लगाने की मांग की है। अभी पान मसाला पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी और 60 प्रतिशत की दर से उपकर लगता है। गुटखा वाले पान मसाला पर 204 प्रतिशत उपकर लगता है। पान मसाला जैसी सामग्रियों के मामले में कर चोरी करना आसान हो जाता है, क्योंकि इन्हें छोटे पैकेटों में बेचा जाता है और अमूमन इनकी बिक्री नकदी में ही होती है। ऐसे में कर प्राधिकरणों के लिए अंतिम आपूर्ति का पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है।

ईंटों पर अभी उनके प्रकार के हिसाब से पांच प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक की दर से जीएसटी लगता है। भवनों में लगने वाली ईंटों तथा मिट्टी आदि से बनने वाली ईटों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है। हालांकि मल्टीसेल्यूलर अथवा फोम ग्लास आदि पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।

हरियाणा ने कपड़े, उर्वरक, जूते-चप्पल पर जीएसटी दरें घटाने की मांग की

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद से वस्त्र, उर्वरक और जूते-चप्पल पर कर की दरें कम करने की मांग की। चौटाला ने जीएसटी परिषद की 40वीं बैठक के दौरान पांच करोड़ रुपए से कम जीएसटी भरने वाले लोगों के लिए भी कर जमा करने की समयसीमा बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न मौजूदा परिस्थितियों में राज्य के समक्ष उपस्थित हो रहे जीएसटी से संबंधित कई अन्य मुद्दों को उठाया।

चौटाला ने कहा कि हरियाणा ने केंद्र सरकार से वस्त्र, उर्वरक और जूते-चप्पल पर कर की दरें कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुजरात और बिहार ने भी इसी तरह की मांग की। चौटाला ने कहा कि उन्होंने उन लोगों पर जुर्माना हटाने की मांग की, जो पिछले तीन वर्षों में रिटर्न दाखिल करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्रीय राजस्व बढ़ाने के लिए इस दंड को समाप्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संकट की इस घड़ी में वित्तीय सहायता के रूप में राज्यों को उपकर राशि देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 2017 में, इस श्रेणी में 1.76 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए गए। इसमें से 34 हजार करोड़ रुपए राज्यों को वितरित किए गए, लेकिन 54,600 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार के पास लंबित है।

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