नई दिल्ली।
घर के बाहर रेस्टॉरेंट में अब खाना खाते समय आपको बिल की चिंता नहीं सताएगी। जीएसटी परिषद ने अपनी 23वीं बैठक में देशभर में रेस्टॉरेंट पर जीएसटी रेट घटाकर एक समान 5 प्रतिशत (बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के) कर दिया है। नए टैक्स रेट एसी और नॉन एसी दोनों तरह के रेस्टॉरेंट पर लागू होगा। तो अब आप दिलखोलकर मनचाहा खाना आराम से खा सकते हैं, क्योंकि अब आपको सर्विस टैक्स से भी बहुत कम टैक्स खाने के बिल पर जो देना होगा। जीएसटी परिषद ने आउटडोर कैटरिंग पर जीएसटी का रेट 18 प्रतिशत तय किया गया है।
7500 रुपए या इससे अधिक के रूम रेंट वाले होटलों के रेस्टॉरेंट के लिए जीएसटी की दर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 18 प्रतिशत तय की गई है। पहले जीएसटी संरचना में नॉन एसी रेस्टॉरेंट पर 12 प्रतिशत और एसी रेस्टॉरेंट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था। फाइव स्टार होटल के मामले में यह दर बहुत अधिक 28 प्रतिशत थी। पहले जीएसटी में यदि रेस्टॉरेंट के किसी भी हिस्से में एसी लगा है तो भी उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा हुआ था। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति एसी रेस्टॉरेंट से खाना पैक करवाकर अपने घर ले जाता था तो भी उसे 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ रहा था।
जीएसटी परिषद ने कंपोजीशन स्कीम के लिए भी सीमा को बढ़ा दिया है। कंपोजीशन स्कीम के तहत कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करना होता है और उन्हें एक तय दर से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। कंपोजीशन स्कीम की सीमा को अब बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए सालाना कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टॉरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जीएसटी परिषद के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी मांगों को उनके समक्ष रखा था। फेडरेशन की मांग थी कि सभी तरह के रेस्टॉरेंट्स पर टैक्स की दर एक समान 12 प्रतिशत कर दी जाए। वर्तमान में नॉन एसी और नॉन बार वाले रेस्टॉरेंट पर 12 प्रतिशत तथा एसी व बार वाले रेस्टॉरेंट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू था।