नई दिल्ली। सरकार ने दिवाली और धनतेरस से पहले ज्वैलर्स को बड़ी राहत दी है। अब ज्वैलर्स को 50 हजार रुपए से अधिक की खरीद पर ग्राहकों से पैनकार्ड लेने की कोई जरूरत नहीं होगी। जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक में इस पर फैसला लिया गया। इस सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। यानि कि अगर आप 2 लाख रुपए से अधिक की खरीदारी करते हैं, तभी आपको पैन कार्ड देना होगा। इससे पहले सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिग एक्ट(पीएमएलए) के तहत 50 हजार से अधिक की खरीद पर पैन कार्ड को अनिवार्य कर दिया था। जिस पर सरकार ने आज छूट दे दी है।
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दिल्ली में चल रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस फैसले की उम्मीद की जा रही थी। ज्वैलर्स के भारी विरोध और ग्राहकों की असुविधा को देखते हुए ज्वैलरी खरीदारी को पीएमएलए कानून के दायरे से बाहर कर दिया गया है। सरकार ने 23 अगस्त 2017 को कानून को लेकर अधिसूचना जारी की थी।
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कालेधन को लेकर सरकार के बनाए गए नियमों के मुताबिक 50,000 रुपए या इससे ज्यादा पैसों की ज्वैलरी खरीदने पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, या कोई दूसरा सरकारी पहचान पत्र देना जरूरी किया गया था सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी होने के बाद कई ज्वैलर्स ने भी अपने ग्राहकों से संपर्क करके आधार, पैन या किसी दूसरे सरकारी पहचान पत्र के साथ ज्वैलरी खरीद के लिए आने का आग्रह किया था। टाटा ग्रुप की ज्वैलरी चेन तनिष्क ने भी अपने कई ग्राहकों को इस तरह कै मैसेज भेजा था। लेकिन अब सरकार ने इससे राहत दे दी है।