नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने गुरुवार को देश में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा टैक्स व्यवस्था लागू करने के लिए आवश्यक पूरक विधेयकों के प्रारूप को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।
गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में राज्य-जीएसटी(एसजीएसटी), संघ शासित प्रदेश-जीएसटी (यूटीजीएसटी) विधेयकों को मंजूरी दी गई। इससे पहले परिषद ने अपनी अंतिम बैठक में केंद्रीय-जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत-जीएसटी (आईजीएसटी) के अंतिम प्रारूप को अपनी मंजूरी दी थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद बताया कि,
जीएसटी के सहायक विधेयकों को जीएसटी परिषद से मंजूरी मिल चुकी है अब इन्हें जीएसटी मुआवजा कानून के साथ मंत्रिमंडल में रखा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद इन्हें संसद में पेश किया जाएगा।
- जेटली ने कहा कि इन सहायक विधेयकों को वर्तमान में चल रहे बजट सत्र के दौरान ही संसद में पेश किया जाएगा, जो कि 12 अप्रैल को समाप्त हो रहा है।
- सरकार को उम्मीद है कि सी-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और जीएसटी मुआवजा विधेयक को संसद के चालू सत्र में ही पारित करवा लिया जाएगा।
- इसके अलावा एस-जीएसटी को प्रत्येक राज्य विधानसभा से भी पारित कराने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
- जेटली ने कहा कि देश में एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने की पूरी उम्मीद है।
- वित्त मंत्री ने बताया कि बैठक में लग्जरी उत्पादों पर सेस की अधिकतम दर प्रावधान के तौर पर 15 प्रतिशत रखने का फैसला किया गया है।
- जीएसटी परिषद की अगली बैठक 31 मार्च को होगी, जिसमें इस नई टैक्स प्रणाली के लिए नियम तय किए जाएंगे।
- विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए टैक्स की दरों पर नियम तैयार करने के बाद विचार किया जाएगा।