नई दिल्ली। केंद्र की ओर से राज्यों को दिया जाने वाला माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा या क्षतिपूर्ति अगस्त-सितंबर की अवधि में घटकर 11,900 करोड़ रुपए रह गया। इससे पहले द्वैमासिक जीएसटी मुआवजा जून-जुलाई की अवधि में 14,930 करोड़ रुपए था। राज्यों को अप्रैल-मई में जीएसटी मुआवजे के रूप में 3,899 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि आईजीएसटी कोष के नियमित और तदर्थ निपटान के बाद अगस्त-सितंबर के दौरान जीएसटी मुआवजा कोष से राज्यों को 11,900 करोड़ रुपए जारी किए गए। अक्टूबर में सरकार ने जीएसटी से रिकॉर्ड 1,00,710 करोड़ रुपए जुटाए हैं। अक्टूबर में दाखिल रिटर्न और कर संग्रह सितंबर महीने की खरीद और बिक्री गतिविधियों को दर्शाता है।
सरकार ने नियमित निपटान के तहत एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) से राज्यों के 15,107 करोड़ रुपए के जीएसटी का निपटान किया है। इसके अलावा 15,000 करोड़ रुपए का और निपटान केंद्र के पास अक्टूबर के अंत तक अस्थायी आधार पर उपलब्ध शेष आईजीएसटी से किया गया है। नियमित और अस्थायी निपटान के बाद अक्टूबर में राज्यों का कुल राजस्व 52,934 करोड़ रुपए रहा।
जिन दस राज्यों को अप्रैल-अगस्त के दौरान सबसे अधिक राजस्व कमी का सामना करना पड़ा है उनमें पुडुचेरी (42 प्रतिशत), पंजाब और हिमाचल प्रदेश (36-36 प्रतिशत), उत्तराखंड (35 प्रतिशत), जम्मू-कश्मीर (28 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (26 प्रतिशत), गोवा (25 प्रतिशत), ओडिशा (24 प्रतिशत), कर्नाटक और बिहार (20-20 प्रतिशत) शामिल हैं।
राज्यों को क्रियान्वयन के पहले साल (जुलाई 2017-मार्च, 2018) के दौरान औसतन जीएसटी राजस्व में 16 प्रतिशत की गिरावट उठानी पड़ी है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त में यह आंकड़ा घटकर 13 प्रतिशत रह गया।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने छह राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, जम्मू-कश्मीर, बिहार और उत्तराखंड के कर अधिकारियों से पहले ही इस बारे में विचार-विमर्श किया है। छह राज्य मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम और आंध्र प्रदेश को चालू वित्त वर्ष में राजस्व अधिशेष मिलेगा। वहीं 25 राज्यों को राजस्व नुकसान झेलना पड़ेगा, जिसकी भरपाई केंद्र द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में की जाएगी।