नई दिल्ली। देश में एक जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था लागू करने के लिए सरकार फुल स्पीड में आ चुकी है। GST बिल को संसद में पेश करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी मंजूरी शनिवार को दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब इस बात की संभावना और प्रबल हो गई है कि सरकार सोमवार को लोकसभा में इस बिल को ला सकती है। इससे पहले शुक्रवार को वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बिल के सोमवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना व्यक्त की थी।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सरकार जीएसटी को लागू करने संबंधी चार विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश कर सकती है। केंद्रीय मंत्री मंडल चालू सत्र में जीएसटी बिल पेश करने और इसे पारित कराने के लिए पहले ही चार पूरक जीएसटी विधेयकों- सीजीएसटी, आईजीएसटी, यूटी जीएसटी और मुआवजा कानून- को अपनी मंजूरी दे चुका है।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रीमंडल विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले सेस और सरचार्ज को खत्म करने के लिए कस्टम एंड एक्साइज कानून में संशोधन को भी अपनी मंजूरी दे चुका है, जिससे जीएसटी को आसानी से लागू किया जा सके। इसे भी उचित समय पर संसद में पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चार पूरक विधेयकों को सोमवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। सरकार ने एक जुलाई से जीएसटी को लागू करने का लक्ष्य रखा है। इससे पहले गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली चालू सत्र में ही जीएसटी बिल को पारित कराने पर जोर देते हुए इसकी जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा था यदि ऐसा नहीं होता है तो केंद्र और राज्य सरकारें 15 सितंबर के बाद अप्रत्यक्ष करों की वसूली का अधिकार खो देंगी।
वित्त मंत्री ने राज्य सभा में कहा था कि सरकार एक जुलाई से देश में अप्रत्यक करों की नई व्यवस्था जीएसटी को लागू करना चाहती है और पेट्रोलियम और भूमि को जीएसटी के दायरे में लाने जैसे अन्य मुद्दों पर इसके लागू होने के एक साल बाद विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी सविंधान संशोधन विधेयक इस साल 15 सितंबर तक पारित करने की ही अनुमति देता है इसके बाद यह स्वत: समाप्त हो जाएगा।